झारखंड में कलाकारों का महाजुटान 2025: कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प

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Kumar Ranjit

झारखण्ड
झारखंड में कलाकारों का महाजुटान 2025:

रांची में कलाकारों का मिलन: 9 भाषाओं, 24 जिलों की सांस्कृतिक एकता

तीसरा पक्ष ब्यूरो,रांची, 9 सितंबर 2025: झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और कलाकारों को नई दिशा देने के उद्देश्य से आज रांची के SDC सभागार में झारखंड राज्यस्तरीय कलाकारों का महाजुटान 2025 का भव्य आयोजन किया गया. झारखंड कलाकार सोसाइटी द्वारा आयोजित इस समारोह में राज्य के 24 जिलों के कलाकारों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने 9 विभिन्न भाषाओं में अपनी कला का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम

इस अवसर पर वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि झारखंड के नृत्य, संगीत, कला और साहित्य ने न केवल राज्य को एक विशिष्ट पहचान दी है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसे गौरव दिलाया है. कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ कलाकारों ने कहा, “कलाकार झारखंड की आत्मा हैं. उनकी कला ने इस धरती को विश्व पटल पर एक अलग स्थान दिलाया है.”

वैश्वीकरण के दौर में मार्केटिंग का महत्व

रांची में कलाकारों का मिलन: 9 भाषाओं, 24 जिलों की सांस्कृतिक एकता

महाजुटान में कलाकारों को वैश्वीकरण के दौर में अपनी कला को बाजार तक पहुंचाने की रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया. एक वक्ता ने कहा, “आज के समय में कला को केवल सृजन तक सीमित नहीं रखा जा सकता. इसे सही मंच और मार्केटिंग के जरिए दुनिया तक ले जाना होगा, ताकि कलाकारों को उनकी प्रतिभा का उचित सम्मान और अवसर मिल सके.”

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झारखंड की गठबंधन सरकार ने हाल ही में अपनी कैबिनेट बैठक में झारखंड राज्य ललित कला अकादमी, झारखंड राज्य संगीत नाटक अकादमी और झारखंड राज्य साहित्य अकादमी की स्थापना को मंजूरी दी है. इस कदम को कलाकारों ने ऐतिहासिक बताया और सरकार की सकारात्मक सोच की सराहना की. आयोजकों ने कहा कि ये अकादमियां कलाकारों को नई दिशा और संसाधन प्रदान करेंगी.

भविष्य की योजनाएं

झारखंड कलाकार सोसाइटी ने घोषणा की कि जल्द ही उनके प्रतिनिधि मंडल विभागीय मंत्री से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में कलाकारों के कल्याण और कला के विकास के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे. सोसाइटी के अध्यक्ष ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि झारखंड के हर कलाकार को वह मंच और सम्मान मिले, जिसका वे हकदार हैं.”

एक नई शुरुआत

महाजुटान 2025 न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह झारखंड की कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक संकल्प भी था. कार्यक्रम में शामिल कलाकारों ने एक स्वर में कहा, “आने वाला समय झारखंड के कलाकारों का है, और हम अपनी कला के दम पर दुनिया को अपनी ताकत दिखाएंगे.”

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