एक महिला की जिद ने बदला पूरे गांव का भविष्य
तीसरा पक्ष ब्यूरो वैशाली, बिहार :जब समाज में बुराइयां जड़ें जमा लेता है तब बदलाव की शुरुआत किसी एक मजबूत इरादे से ही होता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है वैशाली जिला के किरण देवी ने जिन्होंने गांव में बढ़ती नशाखोरी के खिलाफ आवाज उठाकर पूरे क्षेत्र को एक नई दिशा दिया है.
किरण देवी कोई राजनेता नहींऔर न ही कोई नामचीन सामाजिक कार्यकर्ता थीं. वह एक आम ग्रामीण महिला थीं.लेकिन उनमें असाधारण संकल्पशक्ति थी. जब उन्होंने देखा कि गांव के युवा और यहां तक कि किशोर भी नशे की गिरफ्त में आ रहा हैं तो उन्होंने चुप बैठने की बजाय बदलाव की राह को उसने चुनी.
जीविका से मिली ताकत और समाज को मिली नई सोच
किरण देवी ने बिहार सरकार के जीविका योजना से जुड़कर अपने अभियान को एक संगठित रूप दिया और उसने महिलाओं को एकजुट किया और गांव-गांव में चौपाल लगाई. स्थानीय भाषा में संवाद किया जन-जागरूकता रैली किया और दीवारों पर प्रेरक पोस्टर और स्कूलों में आयोजित मानव श्रृंखलाओं के माध्यम से उन्होंने नशे के खिलाफ सशक्त संदेश को फैलाया.
जनजागरण से जन-क्रांति तक
उनकी पहल का असर धीरे-धीरे नजर आने लगा है.जहाँ पहले लोग नशे को एक सामाजिक बुराई मानने से भी हिचकिचाते थे लेकिन अब वही लोग खुद आगे आकर इस विषय पर खुलकर चर्चा करने लगे हैं. युवाओं ने नशा छोड़ना शुरू किया और गांव ने एक-एक कर शराब व नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने का संकल्प लिया.
किरण देवी बनीं प्रेरणा की प्रतीक
आज किरण देवी का गांव एक नशामुक्त ग्राम घोषित हो चुका है और वह क्षेत्र में अब महिला नेतृत्व और सामाजिक परिवर्तन की मिसाल बन चुकी हैं. अब वह आसपास के गांवों में भी जागरूकता अभियान चला रही हैं.और राज्य स्तर पर कई मंचों से भी वह सम्मानित हो चुकी हैं.
उनकी यह यात्रा सिर्फ एक नशामुक्ति की नहीं है बल्कि यह बताती है कि जब एक महिला आगे बढ़ती है तो पूरा समाज आगे बढ़ता है.
लेखक की टिप्पणी
किरण देवी की कहानी हमें यह सिखाता है कि बदलाव की शुरुआत हमारे अपने घर, गांव और सोच से होता है. सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ना ही सच्ची नागरिकता है.और इसमें सबसे बड़ी शक्ति होती है जागरूकता और सामूहिक संकल्प की.

मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.