लद्दाख की आवाज और लोकतंत्र की लड़ाई: केजरीवाल का बड़ा बयान

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Ajit Kumar

भारत
लद्दाख की आवाज और लोकतंत्र की लड़ाई: केजरीवाल का बड़ा बयान

लद्दाख में लोकतंत्र की जंग: अरविंद केजरीवाल का बीजेपी पर वार

तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली,25 सितंबर 2025 – भारत का लोकतंत्र विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रणाली के रूप में जाना जाता है. यहाँ जनता को अपनी सरकार चुनने का अधिकार है और यही हमारी आजादी का असली ताकत भी है.लेकिन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लद्दाख के मुद्दे पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रही है और लद्दाख के लोगों से उनका वोट का अधिकार छीन रही है.

केजरीवाल का यह बयान केवल लद्दाख की लड़ाई तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे भारत के लोकतंत्र के लिए एक चेतावनी भी है.

लद्दाख की मौजूदा स्थिति

लद्दाख को में जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था .केंद्र सरकार ने वादा किया था कि लद्दाख को विशेष अधिकार और लोकतांत्रिक संरचना दिया जायेगा . लेकिन आज तक लद्दाख के लोग अपनी चुनी हुई सरकार का इंतजार कर रहे हैं.

लद्दाख के नागरिक लगातार यह सवाल उठा रहा है कि आखिर उन्हें सरकार चुनने का अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा है. उनका संघर्ष केवल सत्ता के लिए नहीं है बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त उस मूलभूत अधिकार के लिए है, जो हर भारतीय नागरिक को मिलना चाहिये.

अरविंद केजरीवाल का बयान

अरविंद केजरीवाल ने अपने X (Twitter) पोस्ट में लिखा है कि,

आज लद्दाख में जो हो रहा है, वो बेहद चिंताजनक है. हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिये.

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हमने अंग्रेज़ों से इसलिए आज़ादी ली थी कि जनता अंग्रेज़ों की बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए?

केजरीवाल ने भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने लोकतंत्र और जनता की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था.

उनका आरोप है कि बीजेपी सत्ता के नशे में चूर होकर राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना रही है और जनता के अधिकार छीन रही है.

यह बयान न केवल लद्दाख बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल उठाता है.

लोकतंत्र और जनता की आवाज

लोकतंत्र का अर्थ है – जनता की सरकार, जनता के लिए और जनता द्वारा. जब जनता की आवाज़ को ही दबा दिया जाए तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाता है.

लद्दाख के लोग केवल एक मांग कर रहे हैं – “सरकार चुनने का अधिकार. यह किसी भी लोकतांत्रिक समाज की मूलभूत आवश्यकता है. लेकिन जब वादों के बावजूद उन्हें यह अधिकार नहीं मिलता है, तो यह लोकतंत्र की नींव को हिलाने वाली बात है.

बीजेपी पर गंभीर आरोप

केजरीवाल का आरोप है कि बीजेपी सत्ता के नशे में राज्यों को “केंद्र शासित प्रदेश” बनाकर जनता से उनकी ताकत छीन रही है.

जम्मू-कश्मीर को पहले ही राज्य का दर्जा छीनकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया.

अब लद्दाख के लोगों को भी उनकी लोकतांत्रिक ताकत से वंचित किया जा रहा है.

यह प्रवृत्ति देश के अन्य हिस्सों के लिए भी खतरनाक संकेत है.

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क्यों महत्वपूर्ण है लद्दाख की लड़ाई?

लद्दाख की यह लड़ाई केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है. अगर आज लद्दाख के लोगों के अधिकार छीने जाते हैं और जनता चुप रहती है, तो कल यही स्थिति अन्य राज्यों में भी दोहराई जा सकता है.

केजरीवाल ने सही कहा कि –
आज लद्दाख की जो लड़ाई है यह, कल पूरे देश की लड़ाई भी बन सकता है.

जनता की जिम्मेदारी

जब सरकार जनता की आवाज को दबाने लगे तो यह जनता का कर्तव्य है कि वह और बुलंद आवाज़ में बोले.

हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का समर्थन करना चाहिये.

लोकतंत्र को बचाने के लिए आवाज़ उठाना जरूरी है.

यदि हम आज चुप रहे तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ़ नहीं करेंगी.

निष्कर्ष

अरविंद केजरीवाल का बयान एक चेतावनी है कि लोकतंत्र केवल चुनाव जीतने का नाम नहीं है, बल्कि यह जनता की सहभागिता और उनके अधिकारों की रक्षा पर टिका है.लद्दाख के लोग केवल अपने वोट का अधिकार मांग रहे हैं और यह मांग पूरी तरह जायज है.

भारत की जनता को यह समझना होगा कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता की आवाज़ में है.यदि उस आवाज को दबाया जाता है तो लोकतंत्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

लद्दाख की लड़ाई लोकतंत्र की लड़ाई है – और इस लड़ाई में हर भारतीय का साथ होना चाहिये.

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