लाल निशान पार्टी का भाकपा (माले) लिबरेशन में विलय: महाराष्ट्र में वाम एकता से फासीवादी ताकतों को चुनौती

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kmSudha

भारतबिहार
लाल निशान पार्टी का भाकपा (माले) लिबरेशन में विलय: महाराष्ट्र में वाम एकता से फासीवादी ताकतों को चुनौती

देशभर में फासीवादी ताकतों के खिलाफ मजबूत मोर्चा, एकता के बल पर हम फासीवादी ताकतों को पूरे देश में करारी शिकस्त देंगे-दीपंकर भट्टाचार्य

तीसरा पक्ष डेस्क,श्रीरामपुर (महाराष्ट्र) 31 मई 2025: महाराष्ट्र की सक्रिय व वामपंथी विचारधारा से जुड़ी लाल निशान पार्टी ने आज ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन(CPI-ML) में अपना विलय घोषित कर दिया. यह घोषणा अहिल्यानगर जिले के श्रीरामपुर स्थित गोविंदराव अतिथि सभागार में आयोजित एक महासभा-एकता सम्मेलन के दौरान की गई.

इस अवसर पर दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में एकता का संकल्प लिया गया. भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने इस विलय को “देशभर में फासीवादी ताकतों के खिलाफ मजबूत मोर्चा” करार देते हुए कहा कि “इस एकता से हम संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की लड़ाई को नई ताकत देंगे. महाराष्ट्र की धरती से हम मजदूरों, किसानों, दलितों और आदिवासियों की एकजुटता के बल पर फासीवादी सत्ता का मुकाबला करेंगे.”

महाराष्ट्र में वामपंथ को नया बल

महाराष्ट्र में वामपंथ को नया बल

लाल निशान पार्टी का सांगली, सतारा, कोल्हापुर, पुणे, अहिल्यानगर, जलगांव, परभणी और नांदेड़ जैसे जिलों में मजदूर-किसान आंदोलनों के बीच मजबूत आधार रहा है. इस विलय से न सिर्फ वामपंथी राजनीति को प्रदेश में नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी जनपक्षीय संघर्षों को धार मिलेगी.

नेताओं के संबोधन में गूंजा बदलाव का आह्वान

सम्मेलन को दीपंकर भट्टाचार्य के अलावा कई अन्य प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया जिनमें राज्यसभा सांसद और किसान नेता राजा राम सिंह, लाल निशान पार्टी के महासचिव उदय भट्ट, भाकपा (माले) नेता अजित पाटिल, श्याम गोहिल, शशि यादव, एपवा महासचिव मीना तिवारी, महिला नेत्री मुक्ता मनोहर और खेत मजदूर नेता धीरेन्द्र झा शामिल थे.

भाजपा की नीतियों पर तीखा हमला
भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य संबोधित करते हुए

दीपंकर भट्टाचार्य ने बाबा साहब अंबेडकर की विरासत को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान सिर्फ आरक्षण तक सीमित नहीं था, बल्कि मजदूरों के अधिकारों को भी उन्होंने संवैधानिक सुरक्षा प्रदान की थी. उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पूरी तरह विफल हो चुकी है, और सरकार आतंकी हमलों पर जवाबदेही से भाग रही है.

लाल निशान पार्टी के महासचिव उदय भट्ट ने कहा कि यह एकता महाराष्ट्र में वामपंथी आंदोलन को नया आयाम देगी और एक सशक्त जनपक्षीय राजनीतिक विकल्प तैयार करेगी।

भाजपा की नीतियों पर तीखा हमला

भट्टाचार्य ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जातिगत जनगणना के नाम पर जनता को गुमराह करने और समान नागरिक संहिता थोपने की कोशिश के जरिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का मकसद झारखंड की तर्ज पर बिहार में भी जनादेश का अपहरण कर सरकार बनाना है, लेकिन जनता अब सचेत है.

माओवादी हिंसा और सरकार की भूमिका पर सवाल

छत्तीसगढ़ में माओवादी नेता समेत 26 लोगों की कथित मुठभेड़ में मौत को उन्होंने न्यायेतर हत्या बताया और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की. साथ ही यह भी कहा कि

“माओवाद के नाम पर सरकार कॉर्पोरेट हितों को साधने में लगी है, असली मकसद अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचाना है.”

जनसंघर्षों को मिलेगा नया मंच

लाल निशान पार्टी के महासचिव उदय भट्ट ने अपनी पार्टी की ऐतिहासिक भूमिका और क्रांतिकारी विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि इस एकता के बाद महाराष्ट्र में भाकपा (माले) एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभरेगी. किसान नेता राजा राम सिंह, एपवा की मीना तिवारी, शशि यादव और छात्र नेता नेहा ने मौजूदा सरकार में महिलाओं, किसानों, स्कीम वर्करों और युवाओं की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई और आंदोलन तेज करने की बात कही.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भरा जोश

सम्मेलन के दौरान स्थानीय कलाकारों और महिला कार्यकर्ताओं ने जनगीत प्रस्तुत किए, जिससे आयोजन को जनभावनाओं से जोड़ा गया. कार्यक्रम का संचालन शरद संसारी और श्रीकृष्ण बराक ने किया, जबकि राजेंद्र भाऊके ने आए हुए मेहमानों का स्वागत किया.

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