नवरात्र में मातृशक्ति का अपमान – मुख्यमंत्री पर गगन का सख्त बयान
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,26 सितंबर 2025 – बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. मुख्यमंत्री द्वारा राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह न केवल असंवेदनशीलता को दर्शाता है बल्कि बिहार की लोकतांत्रिक परंपराओं और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ भी है.
विवाद की पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक मंच से दिए गए बयान ने राजनीति में हलचल मचा दिया है .जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्रियों पर शब्दों का चयन किया गया, उसे लेकर विपक्षी दलों ने इसे गरिमा और शालीनता के खिलाफ बताया है. खासतौर से नवरात्र जैसे धार्मिक पर्व के दौरान महिलाओं के प्रति सम्मान की बात करते हुए राबड़ी देवी पर अमर्यादित टिप्पणी करना, राजद प्रवक्ता के अनुसार, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
चित्तरंजन गगन ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति से यह उम्मीद की जाती है कि वे राजनीतिक असहमति व्यक्त करने के लिए शालीन और जिम्मेदार भाषा का इस्तेमाल करें. लेकिन जिस तरह की टिप्पणी की गई, उसने राजनीतिक गरिमा को ठेस पहुंचाई है.
राजद की तीखी प्रतिक्रिया
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि बिहार के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को यह ज्ञान भी नहीं है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर टिप्पणी करते समय किन शब्दों का चयन किया जाना चाहिये.
उन्होंने कहा कि नवरात्र का समय मातृशक्ति की पूजा का समय है, लेकिन ऐसे पावन अवसर पर राबड़ी देवी जैसी मातृशक्ति का अपमान करना बेहद शर्मनाक है.
उनका कहना था कि मुख्यमंत्री जी से माफी की अपेक्षा करना भी व्यर्थ है क्योंकि उनकी संगत और राजनीतिक परिवेश में महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग एक “संस्कार” बन चुका है.
महिलाओं के सम्मान पर सवाल
बिहार की राजनीति में महिलाओं की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है. राबड़ी देवी न केवल राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रही हैं बल्कि महिलाओं के नेतृत्व का प्रतीक भी हैं.ऐसे में उनके प्रति अपमानजनक टिप्पणी करना न केवल एक व्यक्ति का अपमान है बल्कि यह समूचे समाज की मातृशक्ति का अपमान है.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी यह दर्शाती है कि उनकी सोच महिलाओं के सम्मान को लेकर कितनी कमजोर है.
विपक्षी एकजुटता की संभावना
राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस घटना के बाद विपक्षी दल मुख्यमंत्री के खिलाफ एकजुट होकर मोर्चा खोल सकते हैं. पहले से ही महागठबंधन के दल चुनावी मोड में हैं और ऐसे बयानों से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का अवसर मिल जाता है.
ये भी पढ़े:तेजस्वी यादव का महिला सशक्तिकरण संवाद
ये भी पढ़े:अखिलेश यादव ने भाजपा की जीएसटी नीति को बताया, गोलमाल
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में इस बयान को लेकर जमकर चर्चा हो रही है. बड़ी संख्या में लोग मुख्यमंत्री की भाषा पर सवाल उठा रहे हैं और यह कह रहे हैं कि राजनीतिक विरोध अपनी जगह है लेकिन व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर ऐसे अमर्यादित शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिये.
बिहार की राजनीति और शालीनता का सवाल
बिहार की राजनीति हमेशा से तीखी बयानबाजी और वैचारिक टकराव से भरी रही है. लेकिन इस बार मामला व्यक्तिगत गरिमा और मातृशक्ति के सम्मान से जुड़ा हुआ है. यह सवाल खड़ा करता है कि क्या आज की राजनीति में शालीनता और सभ्यता का कोई स्थान रह गया है या फिर सत्ता की राजनीति के चक्कर में भाषा की मर्यादाएं पूरी तरह टूट चुकी हैं.
निष्कर्ष
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन के बयान ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की राजनीति में भाषा और मर्यादा का सवाल गंभीर बहस का मुद्दा बन चुका है. मुख्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर राजनीतिक हलकों में आक्रोश है और यह विवाद आने वाले दिनों में और गहराने की संभावना है.
यह घटना न केवल बिहार की राजनीति में असंवेदनशीलता को उजागर करती है बल्कि इस बात की भी याद दिलाती है कि राजनीतिक नेताओं को अपने शब्दों की जिम्मेदारी लेनी चाहिये.

I am a blogger and social media influencer. I have about 5 years experience in digital media and news blogging.



















