भाजपा को बड़ा झटका: भभुआ जिला पार्षद भोला बिन्द ने समर्थकों संग थामा राजद का झंडा

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Kumar Ranjit

बिहार
भाजपा को बड़ा झटका: भभुआ जिला पार्षद भोला बिन्द ने समर्थकों संग थामा राजद का झंडा

तेजस्वी के विजन के आगे भाजपा की सियासत बौनी पड़ती दिख रही है

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 04 अगस्त:बिहार की राजनीति में एक बड़ा धमाका तब हुआ जब भाजपा के प्रभावशाली नेता और भभुआ जिला पार्षद राम अयोध्या उर्फ भोला बिन्द ने पार्टी छोड़कर अपने समर्थकों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सदस्यता ग्रहण कर लिये. यह सिर्फ दल-बदल नहीं, बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक हवा की पहली गरज है, एक ऐसी आवाज़, जो सत्ता के गलियारों को झकझोर रहा है.

राजद कार्यालय में दिखा सियासी तूफान, फूल-मालाओं से स्वागत

राजद कार्यालय में दिखा सियासी तूफान, फूल-मालाओं से स्वागत

पटना स्थित राजद के प्रदेश कार्यालय में यह ऐतिहासिक पल गवाह बना उस परिवर्तन का.जहां भाजपा की नींव दरकती और राजद की दीवारें मजबूत होती नजर आईं.
प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू, प्रवक्ता एजाज अहमद, महासचिव प्रमोद कुमार राम और सचिव मनीषा प्रजापति की मौजूदगी में भोला बिन्द ने राजद की सदस्यता ग्रहण किया.
फूलों की माला, सदस्यता रसीद और ‘गोपालगंज टू रायसीना’ पुस्तक के साथ उन्हें पार्टी में शामिल किया गया.एक सम्मानजनक स्वागत जो दर्शाता है कि राजद अब सिर्फ विपक्ष नहीं है बल्कि विकल्प बन रहा है.

भाजपा की खोखली नीतियों से ऊबे नेता, तेजस्वी के विकास मॉडल ने खींचा

राजद के वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर भाजपा की नीतियों पर हमला बोला है.
रणविजय साहू ने दो टूक कहा कि,

“भाजपा संविधान को कमजोर करने, समाज को बांटने और सत्ता को निजी संपत्ति समझने में लगा है.उसके कार्यकर्ताओं तक का मन अब ऊब चुका है”

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वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव का 17 महीनों का रिपोर्ट कार्ड साफ बताता है कि बिहार में शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, पर्यटन, आईटी और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में असली काम हो रहा है.
अब जनता सिर्फ वादों से नहीं, परिणामों से प्रभावित हो रही है, यही बदलाव है जो भाजपा को बेचैन कर रहा है.

भाजपा में भगदड़ की शुरुआत? और कितने भोला बिन्द तैयार बैठे हैं?

भोला बिन्द की विदाई भाजपा के लिए केवल एक चेहरा खोने की बात नहीं है.बल्कि,यह उस आंतरिक बेचैनी का सबूत है जो पार्टी के भीतर खदबदा रहा है.
प्रवक्ता एजाज अहमद ने खुलासा किया कि,.राजद के संपर्क में कई और जनप्रतिनिधि हैं, जो भाजपा की जनविरोधी राजनीति से तंग आ चुके हैं. यह तो बस शुरुआत है.”

अगर यह रुझान जारी रहा.तो बिहार में भाजपा के मजबूत किले महज़ रेतीले टीलों में बदलते देर नहीं लगेगी.

भोला बिन्द का संदेश: अब विकास ही धर्म है, तेजस्वी ही भविष्य

भोला बिन्द ने सदस्यता लेने के बाद जो बात कही, उसने तमाम राजनीतिक विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
उन्होंने कहा की.

“अब हमें नफरत नहीं, विकास की राजनीति चाहिए.भाजपा ने हमें भ्रम में रखा, पर तेजस्वी यादव ने हमें हकीकत दिखाई.”

उनके इस बयान ने साफ कर दिया कि बिहार की जनता अब खोखले नारों से आगे निकल चुका है और वह नेतृत्व को काम के आधार पर तौलने लगी है.

निष्कर्ष: ये सिर्फ पार्टी बदलने की कहानी नहीं, ये बिहार के बदलते मिज़ाज की दस्तक है

भोला बिन्द का राजद में आना न केवल भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका है. बल्कि यह संकेत भी है कि बिहार की राजनीति अब नए युग में प्रवेश कर चुका है.
जहां विकास, रोजगार और जवाबदेही प्राथमिकता है. और जहां जनता अब मूर्ख नहीं — बल्कि मुखर है.

2025 की राजनीति में यह घटनाक्रम सिर्फ एक समाचार नहीं,बल्कि सत्ता और व्यवस्था को चेतावनी है. अब जनता जाग चुका है. और बिहार बदलाव के मुहाने पर खड़ा है.

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