भाजपा प्रदेश कार्यालय में सुना प्रधानमंत्री का संबोधन
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 29 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड को शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय, पटना में पूरे उत्साह और गंभीरता के साथ सुना गया. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी सहित पार्टी के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने प्रधानमंत्री के विचारों को गंभीरता से सुना और उस पर चर्चा की.

मन की बात केवल कार्यक्रम नहीं, यह है नई सोच का प्रतिबिंब : डॉ. दिलीप जायसवाल
कार्यक्रम के उपरांत मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा की मन की बात सिर्फ रेडियो पर आने वाला मासिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. प्रधानमंत्री मोदी जी का यह संवाद देशवासियों के दिल से जुड़ता है और उन्हें देश के विकास में भागीदार बनाता है.
भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर गर्व और ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए डॉ. जायसवाल ने कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का विशेष उल्लेख किया, जो इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. यह पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है.
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साथ ही प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को फिर से रेखांकित करते हुए जनता से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और विदेशी वस्तुओं से परहेज करें.उन्होंने कहा कि देश तभी प्रगति करेगा जब हर नागरिक स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देगा.
एक पेड़ माँ के नाम अभियान और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
‘मन की बात’ के इस एपिसोड में प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए नागरिकों से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ लगाने का भावनात्मक और प्रेरक आह्वान किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. जायसवाल ने कहा कि “एक पेड़ लगाना केवल पर्यावरण संरक्षण नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी बन सकता है.
आपातकाल का स्मरण और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के काले दौर की भी चर्चा की और उस समय के घटनाक्रमों को जीवंत करने के लिए कई प्रमुख नेताओं के ऑडियो संदेश सुनवाए.उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जन-भागीदारी जरूरी है, और जब जनता एकजुट होती है, तब बड़े से बड़े संकट को भी पार किया जा सकता है.
जनसंपर्क से जुड़ाव की नई परिभाषा
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि ‘मन की बात’ अब एक सशक्त सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ले चुका है, जो सरकार और जनता के बीच संवाद की नई धारा बहाता है.
निष्कर्ष
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित यह सामूहिक श्रवण कार्यक्रम केवल ‘मन की बात’ सुनने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की दिशा में जनसहभागिता का प्रतीक बन गया. डॉ. दिलीप जायसवाल ने कार्यक्रम को प्रेरणादायक और दूरदर्शी बताया और कहा कि इस संवाद के माध्यम से देशवासियों को सकारात्मक दिशा और उद्देश्य मिलता है.

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