पावापुरी की घटना पर माले–ऐपवा ने उठाई सरकार से जवाबदेही की मांग
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,19 जुलाई :भाकपा (माले) और ऐपवा की साझा राज्य स्तरीय जांच टीम ने आज नालंदा जिले के पावापुरी का दौरा किया. वहां उन्होंने 18 जुलाई को हुई दिल दहला देने वाली आत्महत्या की घटना की छानबीन किया. टीम ने बताया कि धर्मेंद्र कुमार, जो जल मंदिर के पास एक छोटी-सी कपड़े की दुकान चलाता था.कर्ज के भारी बोझ तले दबकर अपने परिवार समेत सल्फास खाकर जान देने की कोशिश किया.

धर्मेंद्र ने अजय कुमार और धर्मेंद्र कुमार, जिन्हें लोग मोदीजी या नेताजी भी कहते थे. नामक दो साहूकारों से करीब 5 लाख रुपये का कर्ज लिया था.इस पर हर महीने 50,000 रुपये का भारी-भरकम ब्याज देना पड़ता था.लगातार गालियां, मानसिक तनाव और परिवार पर दबाव से तंग आकर धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी (38 साल), दो बेटियों (17 और 14 साल), बेटे (13 साल) और खुद के साथ जहर खा लिया. उनकी पत्नी, दोनों बेटियां और बेटे की मौत हो गई.जबकि धर्मेंद्र अभी जिंदगी और मौत से जूझ रहा हैं. शुक्र है कि उनका 7 साल का एक बेटा बच गया है .
प्रधानमंत्री मोदी पर तंज
पावापुरी से लौटने के बाद ऐपवा की महासचिव कॉमरेड मीना तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह दिल को झकझोर देने वाली घटना केंद्र और राज्य सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों का नतीजा है.उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी मोतिहारी में लखपति दीदी जैसी योजनाओं के गुण गा रहे हैं.और दूसरी तरफ नालंदा में कर्ज के बोझ तले दबकर एक पूरा परिवार अपनी जान गंवा रहा है.
ऐपवा की राज्य सचिव और जांच टीम की सदस्य कॉमरेड अनीता सिंहा ने कहा कि यह घटना बताती है कि गाँवों की अर्थव्यवस्था में कर्ज का जाल कैसे गरीबों की जिंदगी छीन रहा है.उन्होंने बताया कि दोनों साहूकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी न होना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को दिखाता है.
जांच टीम की मुख्य मांगें
- दोनों साहूकारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
- बचे हुए 7 साल के बच्चे की पढ़ाई, परवरिश और सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार ले.
- मृतक परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.
- धर्मेंद्र कुमार का इलाज सरकार अपने खर्चे पर कराए.
- हर पंचायत में बैंक की शाखा खोली जाए और गरीबों को 2-2 लाख रुपये की मदद दी जाए.
- साहूकारी कर्ज वसूली पर कानूनी रोक लगे और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों व साहूकारी कर्जों को माफ किया जाए.
- सूदखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सरकार एक ठोस नीति बनाए.
जांच टीम में शामिल सदस्य:
जांच दल में ऐपवा की राज्य सचिव अनीता सिंहा, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कॉमरेड मंजू प्रकाश, ऐपवा की नवादा जिला सचिव सावित्री गुप्ता, माले के जिला सचिव सुरेंद्र राम, अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के जिला सचिव और माले के गिरियक प्रभारी रामधारी दास, RYA के जिला सचिव और माले के राजगीर प्रभारी शत्रुध्न कुमार, बिहार ग्रामीण प्रभारी सुनील कुमार, रविरंजन कुमार, ऐपवा की जिला सचिव गिरजा देवी, पाल बिहारी लाल, अनिल पटेल, मकसूदन शर्मा, नवलकिशोर समेत कई लोग शामिल थे.

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