इसके नारों से गूंजा मौर्यलोक
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,1 सितंबर 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माता जी पर विपक्षी महागठबंधन के एक नेता द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने पटना के मौर्य लोक परिसर में जोरदार प्रतिकार दिवस का आयोजन किया.इस मौके पर हस्ताक्षर अभियान’ चलाया गया और सैकड़ों की संख्या में जुटे युवाओं और महिलाओं ने मां का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारों से विरोध दर्ज कराया.
स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के पास जुटे कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए इंडी गठबंधन की आलोचना की जिसमें प्रधानमंत्री की मां के लिए असंवेदनशील भाषा का प्रयोग किए जाने की कड़ी निंदा की गई.
भाजयुमो का हस्ताक्षर अभियान: जनआक्रोश की अभिव्यक्ति
मैं भी मां हूं और ‘हिंदुस्तान मां का अपमान नहीं सहेगा जैसे तख्तियों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और युवाओं ने हिस्सा लिया.इस अभियान के जरिए आमजन को भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ जोड़ने का अवसर दिया गया.
नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने कार्यक्रम में कहा कि ,
प्रधानमंत्री की स्वर्गीय माताजी को अपशब्द कहना केवल एक व्यक्ति नहीं पूरे भारतीय मातृत्व का अपमान है.यह कुकृत्य उनके संस्कारों को दर्शाता है.राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की चुप्पी इस अमर्यादित टिप्पणी पर सहमति की ओर इशारा करती है.
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इस प्रकार की भाषा दरअसल उन गरीब माताओं का अपमान है. जिन्होंने कठिन संघर्षों के बाद अपने बेटों को देश की सेवा में अग्रणी बनाया.
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष भारतेंदु मिश्रा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ,
राहुल गांधी जब तक देश की हर मां से माफी नहीं मांग लेते तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा. विपक्षी नेताओं ने पहले भी गालियाँ दी हैं और जनता ने उन्हें करारा जवाब दिया है – इस बार भी बिहार की जनता उन्हें सबक सिखाएगी.
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भाजपा नेताओं की एकजुटता
इस कार्यक्रम में भाजपा और भाजयुमो के तमाम वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी उपस्थित रहे
संजय खंडेलिया (भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष)
डॉ. संजीव चौरसिया, अरुण कुमार सिन्हा (विधायक)
पूजा कपिल मिश्रा (भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)
अमित प्रकाश बबलू (मीडिया प्रभारी)
रूपनारायण मेहता (जिलाध्यक्ष)
रश्मि चंद्रवंशी (उप मेयर)
सीमांत शेखर, शशि रंजन, कुलभूषण, जितेंद्र सिंह (भाजयुमो पदाधिकारी)
सहित कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
निष्कर्ष: जनता का जागरण और विपक्ष पर सवाल
भाजयुमो के प्रतिकार दिवस ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारतीय समाज में मातृत्व के सम्मान से कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह कार्यक्रम केवल राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का प्रतीक बन गया.
बिहार की सड़कों से उठी ये आवाज़ आने वाले दिनों में एक बड़ा जनांदोलन बन सकती है – जिसमें मां के सम्मान की रक्षा के लिए युवा, महिलाएं और आम नागरिक एकजुट होंगे.

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