नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी पर क्या है मामला और क्यों है चर्चा में?

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kmSudha

भारततीसरा पक्ष आलेख

हेराल्ड केस में ED की मनी लॉन्ड्रिंग शिकायत पर रोजाना सुनवाई करने का निर्णय !

तीसरा पक्ष डेस्क,दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर समाचार के सुर्ख़ियों में है क्योकि 21 मई 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस केस से जुड़े ईडी के दावों की सुनवाई शुरू की, जिसमें यह कहा गया कि सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का प्रथम दृष्टया मामला बनता है. आगे कोर्ट ने 2 से 8 जुलाई तक दैनिक सुनवाई का आदेश दिया.

लाइव लॉ के अनुसारआज कोर्ट ने ED की शुरुआती दलीलें सुनीं और कहा, “इन दलीलों के बीच मध्यस्थता करते हुए कोर्ट ने ED द्वारा शुरुआती दलीलें पेश करना उचित समझा। एएसजी ने ED के लिए शुरुआती दलीलें पेश कीं. ED द्वारा शेष दलीलों और प्रस्तावित आरोपी द्वारा पेश की गई दलीलों के लिए मामले को 2 से 8 जुलाई तक रोजाना आधार पर सुना जाएगा.”

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से पूछा, “आरोपों का मुख्य बिंदु यह है कि स्वामित्व पहले दो आरोपियों को हस्तांतरित कर दिया गया, इसलिए आज की तारीख में संपत्ति का मालिक कौन है, यंग इंडियन या एजेएल?…बहुत सरल शब्दों में अगर ए की संपत्ति बी द्वारा हड़पी जाती है तो क्या यह बी के हाथों में अपराध की आय बन जाती है?”विस्तृत जानकारी के लिए लाइव लॉ पर इसे पढ़ सकते हैं.

नेशनल हेराल्ड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार है, जिसकी स्थापना 1938 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह अखबार स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस पार्टी के विचारों को जनता तक पहुंचाने का माध्यम था. इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित किया जाता था, जो नेशनल हेराल्ड, नवजीवन (हिंदी), और कौमी आवाज (उर्दू) जैसे समाचार पत्रों का प्रकाशक था। 2008 में वित्तीय कठिनाइयों के कारण इन अखबारों का प्रकाशन बंद हो गया.

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2010 में, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नामक एक कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों प्रमुख शेयर धारक हैं. बताया जाता है कि इस कंपनी में प्रत्येक का 38% शेयर हैं. आरोप है कि इस कंपनी ने एजेएल-AJL के शेयरों को 50 लाख रुपये के बदले में अधिग्रहित कर लिया, जिसमें 90 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल था, जो कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को दिया था.

सोनिया और राहुल गांधी पर मुख्य आरोप क्या है ?

नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत 2012 में तब हुई, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज की. स्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल-AJL की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को अवैध रूप से हड़प लिया.

मुख्य आरोप निम्नलिखित हैं:

  • कर्ज का हस्तांतरण: कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज दिया था. इस कर्ज को बाद में यंग इंडियन को 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसे ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया.
  • संपत्ति का दुरुपयोग: नेशनल हेराल्ड हाउस, नई दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित एक प्रमुख संपत्ति, को सरकारी रियायती दरों पर अखबार प्रकाशन के लिए आवंटित किया गया था। आरोप है कि यंग इंडियन ने इस संपत्ति को व्यावसायिक किराए के लिए इस्तेमाल किया, जिसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों और पासपोर्ट सेवा केंद्र को किराए पर देना शामिल है.
  • धन शोधन: ईडी का दावा है कि इस लेनदेन में 142 करोड़ रुपये की “अपराध की आय” शामिल है, और सोनिया व राहुल गांधी ने इसका लाभ उठाया. नवंबर 2023 में, ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़ी 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया.

कानूनी प्रक्रिया को को समझिए

  • 2012: सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज की.
  • 2014: आयकर विभाग ने नेशनल हेराल्ड की वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू की, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की।
  • 2021: ईडी ने इस मामले में औपचारिक जांच शुरू की.
  • अप्रैल 2025: ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन, और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
  • मई 2025: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी के दावों की सुनवाई शुरू की, जिसमें यह कहा गया कि सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का प्रथम दृष्टया मामला बनता है. कोर्ट ने 2 से 8 जुलाई तक दैनिक सुनवाई का आदेश दिया.
हाल के घटनाक्रम

21 मई 2025 को, राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान, ईडी ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने मनी लॉन्ड्रिंग की, और पार्टी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जा सकता है. कोर्ट ने ईडी को सुब्रमण्यम स्वामी को चार्जशीट की प्रति देने का निर्देश दिया. दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मामले को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया, और पार्टी नेताओं जैसे पी. चिदंबरम और कन्हैया कुमार ने दावा किया कि इसमें कोई वित्तीय लेनदेन या मनी लॉन्ड्रिंग का सबूत नहीं है. कांग्रेस ने देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इसे “बीजेपी की साजिश” बताया.

क्यों है चर्चा में?
नेशनल हेराल्ड केस कई कारणों से चर्चा में है:
  • राजनीतिक विवाद: कांग्रेस इसे बीजेपी की ओर से राजनीतिक बदले की कार्रवाई मानती है, जबकि बीजेपी इसे “खुला और स्पष्ट घोटाला” बताती है। यह मामला दोनों पार्टियों के बीच तीखी बहस का विषय बना हुआ है.
  • उच्च-स्तरीय आरोपी: सोनिया और राहुल गांधी जैसे प्रमुख नेताओं का नाम इस मामले में शामिल होना इसे और संवेदनशील बनाता है.
  • स्वतंत्रता संग्राम से संबंध: नेशनल हेराल्ड का स्वतंत्रता संग्राम से गहरा नाता है, जिसके कारण इसे राष्ट्रीय विरासत का हिस्सा माना जाता है। कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी इस विरासत को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.
  • कानूनी प्रगति: हाल की चार्जशीट और कोर्ट की दैनिक सुनवाई ने इस मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है.
अंत में

नेशनल हेराल्ड केस एक जटिल कानूनी और राजनीतिक विवाद है, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग, और संपत्ति हस्तांतरण के आरोप शामिल हैं. जहां ईडी इसे एक स्पष्ट अपराध का मामला बताती है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक साजिश करार देती है. आगामी सुनवाइयां इस मामले के भविष्य को और स्पष्ट करेंगी, लेकिन यह निश्चित रूप से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहेगा.

नोट: यह विश्लेषण तीसरा पक्ष टीम द्वारा उपलब्ध विभिन्न समाचार वेबसाइट्स और हाल के कोर्ट सुनवाइयों की जानकारी पर आधारित है. अगर आप किसी विशेष पहलू पर सुझाव या संदेश देना चाहते हैं, तो कृपया Message Box में कमेंट कर बताएं!

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