महागठबंधन के घोषणा पत्र पर भाजपा नेता का करारा हमला
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 29 अक्टूबर 2025—बिहार की राजनीति में एक बार फिर प्रण शब्द चर्चा में है.महागठबंधन द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र (Manifesto) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रोफेसर नवल किशोर यादव ने करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि राजद जब भी कोई प्रण लेता है, तब बिहार के लोगों को कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है.
नवल किशोर यादव ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि महागठबंधन ने इस बार स्वर्ग में सीढ़ी लगाना शेष छोड़ दिया है, बाकी सब वादे कर दिए हैं.उन्होंने कहा कि महागठबंधन के लोग स्वर्ग में सीढ़ी लगाकर बिहार के लोगों को स्वर्गीय बनाना चाहते हैं.
तेजस्वी प्रण पर भाजपा का तंज
महागठबंधन ने हाल ही में अपना घोषणा पत्र जारी किया है, जिसे उन्होंने तेजस्वी प्रण नाम दिया है.इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यह घोषणा पत्र नहीं, बल्कि पाखंड पत्र है.
उन्होंने कहा कि जब-जब राजद ने प्रण लिया, बिहार ने अंधकार और भ्रष्टाचार देखा. उन्होंने लालू यादव के शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा, लालू यादव जब मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने प्रण लिया था कि बिहार का एक भी पैसा गाय के गोश्त के बराबर नहीं लूंगा. लेकिन परिणाम सबके सामने है. वे गाय का चारा खाकर घर में बैठे हैं.
जीविका दीदियों से जमीन लिखवाने का डर
महागठबंधन के घोषणा पत्र में जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी देने की बात पर भी उन्होंने कटाक्ष किया है.नवल किशोर यादव ने कहा —
कहीं ऐसा न हो कि ये लोग जीविका दीदियों से भी जमीन लिखवा लें. ये वही लोग हैं जो अपने परिवार से बाहर कभी नहीं सोचते.
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग वर्षों तक बिहार को लूटते रहे, अब वही लोग शिक्षा, रोजगार और मेधा की बातें कर रहे हैं — यह हास्यास्पद है.
राजद के वादे और भ्रष्टाचार पर हमला
भाजपा नेता ने कहा कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा करना आसान है, लेकिन सवाल यह है कि पैसा कहाँ से आएगा? क्या वे चारा घोटाले के पैसों से नौकरियां देंगे?
उन्होंने कहा कि राजद शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी.उस दौर में स्कूलों में शिक्षक नहीं, दलालों की भरमार थी.अब वही लोग डिग्री और पढ़ाई की बात कर रहे हैं — यह मजाक है.
स्वर्ग में सीढ़ी से लेकर अपराधियों के टिकट तक
नवल किशोर यादव ने तंज करते हुए कहा कि ,
महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र में ऐसी कोई बात नहीं छोड़ी जो शेष रह गई हो.केवल स्वर्ग में सीढ़ी लगाने का काम बचा है.
उन्होंने कहा कि बिहार की महिलाएं और बेटियां अब उस दौर में वापस नहीं जाना चाहतीं, जब ‘जंगलराज’ का भय था.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में महागठबंधन जनता के हित में कुछ करना चाहता है तो उन्हें अपने घोषणा पत्र में यह लिखना चाहिए था कि,
सीएम हाउस से फिरौती की बात नहीं करेंगे, अपराधियों को मंत्री नहीं बनाएंगे और गुंडागर्दी को बढ़ावा नहीं देंगे.
नवल किशोर यादव ने याद दिलाया कि लालू यादव जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने चार ऐसे लोगों को मंत्री बनाया था जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे.
वक्फ कानून और ओसामा को टिकट देने पर भी निशाना
विधान पार्षद ने कहा कि वक्फ कानून को हटाने की बात करना महज राजनीतिक पाखंड है, क्योंकि इसमें केंद्र सरकार की भूमिका अहम होती है.
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन ने जिस तरह से ओसामा को टिकट दिया है, उससे यह साफ होता है कि वे शाहबुद्दीन को अमर शहीद घोषित करना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को टिकट देकर महागठबंधन बिहार की जनता को फिर से दहशत में डालना चाहता है.
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तेजस्वी प्रणनहीं, पाखंड पत्र: भाजपा
नवल किशोर यादव ने कहा कि महागठबंधन का घोषणा पत्र जनता को भ्रमित करने वाला दस्तावेज है, जो वादों और झूठों का पुलिंदा है. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब भ्रम में नहीं आएगी और एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी.
राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर छठ के नाम पर नाटक करने के बयान पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेता ने कहा कि,
यह बयान सनातन धर्म और बिहार की आस्था का अपमान है.राहुल गांधी और उनके सहयोगी लगातार देश की परंपराओं और धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाते हैं.
भाजपा का दावा — जनता एनडीए के साथ
प्रो. यादव ने विश्वास जताया कि बिहार की जनता इस बार भी एनडीए पर भरोसा जताएगी. उन्होंने कहा कि भाजपा विकास, सुरक्षा और सुशासन की राजनीति करती है, जबकि महागठबंधन अराजकता और भ्रष्टाचार की राजनीति करता है.
निष्कर्ष
महागठबंधन के घोषणा पत्र पर भाजपा नेता नवल किशोर यादव का यह हमला केवल राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है — कि बिहार की राजनीति अब घोषणाओं से नहीं, भरोसे से तय होगी.
भाजपा का मानना है कि बिहार की जनता अब उस दौर को याद करके वोट देगी, जब ‘प्रण’ के नाम पर चारा खाया गया, शिक्षा चौपट हुई और अपराध फला-फूला.

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