एनडीए का घोषणा पत्र बना फोटोशूट शो: एजाज अहमद

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Ajit Kumar

बिहार
एनडीए का घोषणा पत्र बना फोटोशूट शो: एजाज अहमद

कहा— 20 सालों के कार्यों का विवेचना पत्र जारी करना चाहिए था

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 31 अक्टूबर 2025 — बिहार में विधानसभा चुनाव के माहौल के बीच एनडीए द्वारा जारी घोषणापत्र पर सियासी गर्मी बढ़ गई है. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने इसे फोटोशूट और जुमलेबाज़ी का संकल्प पत्र करार देते हुए कहा कि अगर एनडीए के नेताओं में हिम्मत होती तो वे बिहार के 20 सालों के कार्यों का विवेचना पत्र (Performance Report) जनता के सामने रखते.

एजाज का कहना है कि एनडीए नेताओं के पास अपने शासनकाल की उपलब्धियों को बताने के लिए कोई ठोस उदाहरण नहीं है. इसलिए उन्होंने आनन-फानन में सिर्फ कैमरे के सामने घोषणा पत्र जारी किया और पत्रकारों के सवालों से बच निकले.

20 साल की खटारा सरकार का कोई जवाब नहीं

राजद प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनडीए के तमाम नेता इस कदर घबराए हुए थे कि वे जनता के बीच जाकर अपने कामों का ब्यौरा देने से बच रहे हैं.

एनडीए की 20 साल पुरानी सरकार अब खटारा और नाकारा बन चुकी है.जनता सवाल पूछ रही है लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है. — एजाज अहमद

उनका कहना है कि पत्रकारों को बिना जानकारी दिए, बंद कमरे में फोटोशूट के जरिए घोषणापत्र जारी करना बताता है कि एनडीए में एकता और आत्मविश्वास दोनों का अभाव है.

शासन और प्रशासन पंगु हो चुका है

एजाज अहमद ने कहा कि बिहार की प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह पंगु बन चुकी है. अपराधियों को महिमामंडित किया जा रहा है और आम जनता भय और असुरक्षा के माहौल में जी रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है, अपराधी बेखौफ हैं, और पुलिसकर्मियों से लेकर संविदा कर्मियों तक को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.

सरकार नाम की चीज अब बिहार में बची नहीं है. मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी केवल जुमला बाजी और भ्रम की राजनीति कर रहे हैं.— एजाज अहमद

नौजवानों, महिलाओं और गरीबों से छल हुआ है

राजद प्रवक्ता ने एनडीए शासन पर नौकरी, शिक्षा और महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए.उन्होंने कहा कि

बेरोजगारी अपने चरम पर है.

शिक्षा महंगी हो गई है जिससे गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चे उच्च शिक्षा से दूर हो रहे हैं.

और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड जैसी घटनाओं ने पूरे बिहार को शर्मसार किया, लेकिन आज तक एनडीए नेताओं ने आत्ममंथन नहीं किया.

घोषणापत्र नहीं, विवेचना पत्र जारी करना चाहिए था

एजाज अहमद ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार और जेपी नड्डा को चुनावी वादों की जगह 20 वर्षों के शासन का विवेचना पत्र जारी करना चाहिए था ताकि जनता जान सके कि बिहार को उन्होंने किस दिशा में ले जाया है.

घोषणापत्र जारी करने से पहले जनता को बताना चाहिए था कि बिहार में अपराध क्यों बढ़े, प्रशासन क्यों ठप है, और नौजवानों को रोज़गार क्यों नहीं मिल रहा. — एजाज अहमद

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तेजस्वी यादव देंगे बिहार को नई दिशा

राजद प्रवक्ता ने कहा कि आज बिहार की जनता बदलाव चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार तेजस्वी यादव के जनसमर्थन से घबराई हुई है.उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में नौकरी, रोजगार और विकास की नई राजनीति शुरू होगी.

उन्होंने तेजस्वी यादव के विज़न की प्रमुख बातें गिनाईं —

हर घर को नौकरी देने की योजना.

महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक न्याय.

संविदा कर्मियों का नियमितीकरण.

जीविका दीदी के लोन पर ब्याज माफी.

तृतीय स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में दुगुनी वृद्धि और बीमा सुविधा.

एजाज ने कहा कि तेजस्वी यादव की सोच बिहार को एक सकारात्मक, विकास-उन्मुख और रोजगारयुक्त राज्य बनाने की है.

निष्कर्ष: जनता का विश्वास अब परिवर्तन की ओर

राजद प्रवक्ता का कहना है कि 20 सालों के एनडीए शासन ने बिहार को केवल ठहराव, बेरोजगारी और अपराध का उपहार दिया है. अब जनता इस खटारा और नाकारा सरकार से मुक्ति चाहती है.

तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार एक नया अध्याय लिखेगा — जहां राजनीति जुमलों नहीं, बल्कि रोजगार, शिक्षा और न्याय के मुद्दों पर होगी. — एजाज अहमद

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