जदयू हाशिए पर, मांझी-कुशवाहा ठगे गए – एजाज अहमद
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 12 अक्टूबर 2025 —बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र एनडीए के सीट बंटवारे ने सियासी हलचल तेज कर दिया है.राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर तीखा हमला बोला है.उन्होंने कहा कि, एनडीए का सीट बंटवारा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि भाजपा अब अपने सहयोगियों के सामने नतमस्तक हो चुकी है.
एजाज अहमद का बयान न केवल राजनीतिक माहौल को गर्म करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि एनडीए के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है.
भाजपा चिराग पासवान के सामने झुकी – आरजेडी का आरोप
राजद प्रवक्ता ने कहा कि सीट बंटवारे में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सामने भाजपा पूरी तरह से झुक गई है.
उन्होंने कहा कि,
भाजपा अब ‘भुंजा पार्टी’ बन चुकी है, जिसने अपने पुराने सहयोगियों को हाशिए पर धकेल दिया है.चिराग के दबाव में भाजपा ने अपना आत्मसम्मान खो दिया है.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, एलजेपी (रामविलास) को अपेक्षा से ज्यादा सीटें मिलने पर जेडीयू के भीतर नाराज़गी बढ़ा है. यही वजह है कि एनडीए का यह गठबंधन चुनाव से पहले ही अंदरूनी तनाव से गुजर रहा है.
जदयू की स्थिति कमजोर, कुशवाहा-मांझी उपेक्षित
एजाज अहमद ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) की स्थिति को कमज़ोर और बेबस बताते हुए कहा कि भाजपा ने जेडीयू को हाशिए पर पहुंचा दिया है.
उनके शब्दों में,
जेडीयू अब भाजपा के सामने पूरी तरह से नतमस्तक है. नीतीश कुमार की पार्टी का वजूद अब सिर्फ नाम भर रह गया है. भाजपा ने सीट बंटवारे में जो स्थिति बनाई है, वह दर्शाती है कि जेडीयू को अब सिर्फ दिखावे के लिए रखा गया है.
उन्होंने आगे कहा कि उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी जैसे नेता पूरी तरह से ठगे गये हैं.
15 ग्राम मांगने वाले मांझी जी को इस बार पिछली बार से भी एक ग्राम कम मिला है, फिर भी चुप हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा अपनी राजनीतिक विरासत और नेतृत्व की सोच को भूल चुके हैं,
एजाज ने कहा कि,
उनके मुताबिक, सत्ता और स्वार्थ की राजनीति में इन नेताओं ने अपने सिद्धांतों को गिरवी रख दिया है.
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बदलाव का मन बना चुकी है बिहार की जनता
राजद प्रवक्ता ने दावा किया कि भाजपा जितनी भी जोड़-तोड़ कर ले, अब बिहार की जनता बदलाव के मूड में है.
बिहार की जनता अब विकास और रोजगार चाहती है.तेजस्वी यादव ने हर घर नौकरी और विकास परक बिहार का जो संकल्प लिया है, उसी दिशा में जनता अब आगे बढ़ रही है. एजाज अहमद ने कहा कि ,
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इंडिया महागठबंधन की सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही बनेगी, क्योंकि जनता अब सकारात्मक राजनीति में विश्वास करती है.
भाजपा की रणनीति पर सवाल
राजद प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि भाजपा आखिर किस नीति के तहत अपने सहयोगियों के हितों को कुर्बान कर रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की यह नीति उसके वन मैन शो रवैये को उजागर करती है, जहां सहयोगी दलों की कोई अहमियत नहीं रह गई है.
भाजपा के लिए सहयोगी दल अब सिर्फ चुनावी मोहरा बनकर रह गया हैं.जिस गठबंधन में बराबरी का सम्मान न हो, वह टिक नहीं सकता,
उन्होंने कहा.
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एनडीए में दरार की आहट
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि एजाज अहमद का यह बयान केवल विपक्षी राजनीति नहीं, बल्कि एनडीए की अंदरूनी कमजोरी को भी उजागर करता है.
चिराग पासवान की बढ़ती ताकत, जेडीयू की घटती पकड़, और मांझी-कुशवाहा की असंतुष्टि – यह सब संकेत दे रहे हैं कि एनडीए के भीतर असंतोष की लहर गहरी है.
यदि भाजपा सहयोगियों को संतुष्ट नहीं कर पाती, तो इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है.
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में नए समीकरण
एनडीए का सीट बंटवारा इस बात का प्रमाण है कि बिहार की राजनीति अब निर्णायक मोड़ पर खड़ी है.भाजपा ने चिराग को तरजीह देकर जेडीयू की जमीन कमजोर की है, वहीं मांझी और कुशवाहा जैसे नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन जनता के बीच रोजगार, विकास और समानता के मुद्दों को लेकर मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है.
अगर वर्तमान रुझान जारी रहे, तो बिहार में सत्ता परिवर्तन की पटकथा पहले से लिखी जा चुकी है.

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