15 घंटे की मेहनत और लाखों में बिकते पेपर: युवाओं का दर्द
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,24 सितंबर 2025 उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएँ लगातार बढ़ता जा रहा है.यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि पूरे देश के युवाओं की मेहनत और भविष्य पर गंभीर असर डाल रहा है.
प्रसिद्ध कांग्रेस नेता Priyanka Gandhi Vadra ने अपने X (Twitter) पोस्ट में कहा कि,
“हम लाइब्रेरी में 15-15 घंटे पढ़ रहे हैं, ये 15-15 लाख में पेपर बेच रहे हैं”
यह सिर्फ एक युवक की नहीं, बल्कि देश के अधिकांश युवाओं की आवाज है.जब विद्यार्थी दिन-रात मेहनत करते हैं, उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करते हैं, तो ऐसे भ्रष्टाचार से उनका भविष्य खतरे में पड़ जाता है.
परीक्षाओं में भ्रष्टाचार: बेरोज़गारी की बड़ी वजह
देश में बेरोज़गारी की समस्या लगातार बढ़ रही है. इसके कई कारण हैं, लेकिन शिक्षा और परीक्षा प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार इसे और गंभीर बना रहे हैं. पेपर लीक और नकल से न केवल चयन प्रक्रिया प्रभावित होती है, बल्कि प्रतिभाशाली युवा असमर्थ और हतोत्साहित महसूस करते हैं.
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर पेपर लीक के मामले सामने आये हैं.बड़े पैमाने पर पैसा लेकर पेपर बेचने की घटनाएँ युवाओं की मेहनत और सपनों का हनन कर रहा हैं.
Priyanka Gandhi ने इसे देश के युवाओं के लिए “सर्वव्यापी संकट” बताया है और प्रधानमंत्री को इस पर कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता जताई है.
युवाओं का दर्द और सामाजिक प्रभाव
15-15 घंटे पढ़ाई करने वाले युवा, जो देश की प्रगति में योगदान देना चाहते हैं, वे आज असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि मानसिक और सामाजिक संकट भी उत्पन्न करता है.
विश्वास की कमी: युवा अब सरकारी परीक्षाओं में सफलता पाने पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.
आर्थिक नुकसान: सालों की मेहनत और पढ़ाई बर्बाद हो रही है, जिससे रोजगार की संभावनाएँ सीमित हो रही हैं.
सामाजिक असंतोष: युवा निराशा और गुस्से के कारण सामाजिक और राजनीतिक असंतोष फैलाने लगे हैं.
इस प्रकार भ्रष्टाचार केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी नुकसान पहुंचा रहा है.
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सरकारी जवाबदेही और पीएम की चुप्पी
Priyanka Gandhi ने पोस्ट में प्रधानमंत्री को मूकदर्शक बताकर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है. युवाओं का मानना है कि यदि समय रहते इस समस्या पर कड़ा कदम नहीं उठाया गया, तो भविष्य में यह भ्रष्टाचार और जड़ पकड़ सकता है.
सरकारी अधिकारी और परीक्षा बोर्डों की जवाबदेही सुनिश्चित करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है. युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे भ्रष्टाचारियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिये.
समाधान और सुझाव
सख्त निगरानी: परीक्षा संचालन में तकनीकी निगरानी बढ़ाई जाए.
पेपर सुरक्षा: पेपर प्रबंधन और वितरण प्रक्रिया में डिजिटल और ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए.
कड़ी सजा: पेपर लीक और नकल में शामिल व्यक्तियों को कठोर दंड मिले.
सक्रिय नागरिक भागीदारी: युवा और अभिभावक जांच और शिकायत प्रणाली में भाग लें.
सरकारी जवाबदेही: प्रधानमंत्री और राज्य सरकारें युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाये .
निष्कर्ष
देश के युवा शिक्षा और मेहनत के माध्यम से आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन परीक्षा प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार उनके सपनों और भविष्य के लिए खतरा बन गया है.उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पेपर लीक की घटनाएँ युवाओं की मेहनत को बर्बाद कर रही हैं.
Priyanka Gandhi Vadra के अनुसार यह सिर्फ एक युवक का दर्द नहीं है, बल्कि पूरे देश के युवाओं का दर्द है.अब समय है कि सरकार इस गंभीर समस्या का समाधान करे और युवाओं को उनके अधिकार और भविष्य सुरक्षित करे.
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