प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि

| BY

kmSudha

भारततीसरा पक्ष आलेख
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि

कहा – उनका समर्पण आज भी देश को प्रेरित करता है

तीसरा पक्ष ब्यूरो,16 अगस्त 2025:भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो समय की सीमाओं से ऊपर उठकर जनमानस में बस जाते हैं — उन्हीं में से एक हैं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी.ओजस्वी भाषण, राष्ट्रहित में निडर फैसले और एक संवेदनशील कवि हृदय — ये सभी विशेषताएं उन्हें राजनीति के शिखर पर ले गया मगर जनता के दिल में जो स्थान उन्होंने पाया, वो उन्हें अमर बना गया.

आज, 16 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर देशभर में उन्हें श्रद्धा से याद किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरणास्रोत बताया.

आइए, जानते हैं विस्तार से कि कैसे वाजपेयी जी ने राष्ट्र निर्माण की दिशा में अमिट छाप छोड़ी, और आज भी क्यों हैं वे हर भारतीय के आदर्श…

अटल जी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की भावुक पोस्ट

आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें श्रद्धा से याद कर रहा है.इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल @narendramodi से एक भावुक पोस्ट साझा करते हुये उन्होंने लिखा कि,

“सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन.राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है.”

प्रधानमंत्री का यह संदेश सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया है. और देशभर से नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम नागरिकों ने अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया.

वाजपेयी जी का जीवन – राजनीति से परे एक विचारधारा

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे जो राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में निर्णय लेते थे. वे न केवल एक कुशल प्रशासक थे.बल्कि एक कवि, लेखक और संवेदनशील इंसान भी थे.
उनकी वाणी में ओज था और विचारों में स्पष्टता थी. लोकसभा में उनका भाषण आज भी प्रेरणा का स्रोत है.

उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण, कारगिल विजय, और सड़क व शिक्षा योजनाओं में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज है .

ये भी पढ़े:उमा भारती का गांधी-गोडसे बयान: ‘आतंकवाद से बड़ा पाप था वह!
ये भी पढ़े:मायावती की स्वतंत्रता दिवस पर दो-टूक: गरीबी-बेरोजगारी हटाओ, आत्मनिर्भर भारत बनाओ

आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने वाले नेताओं में से एक थे वाजपेयी

प्रधानमंत्री मोदी ने अटल जी के योगदान को विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रेरणास्रोत बताया है. वास्तव में, वाजपेयी जी का विज़न भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाना था.उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष बल दिया था .

स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और सर्व शिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत करके उन्होंने विकास को गांव-गांव तक पहुंचाया.

देश की राजनीति में सौम्यता और शालीनता के प्रतीक थे अटल जी

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के उस युग का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसमें विरोध में भी सम्मान होता था.उन्होंने कभी भी कटुता की राजनीति नहीं की और विपक्ष के नेताओं को भी बराबर सम्मान दिया.
उनका व्यवहारिक दृष्टिकोण और “सबका साथ, सबका विकास” की सोच आज भी प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली में परिलक्षित होती है.

ये भी पढ़े:27 से पहले ही खींच लेंगी तलवारें — बीजेपी में बगावत की गूंज?
ये भी पढ़े:राजद कार्यालय में पूरे उत्साह से मनाया गया 79वां स्वतंत्रता दिवस

श्रद्धांजलि संदेशों से भर गया सोशल मीडिया, देशवासियों ने साझा कीं यादें

प्रधानमंत्री मोदी की पोस्ट के बाद, सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों की बाढ़ आ गई. हजारों यूज़र्स ने अटल जी से जुड़ी यादें, कविताएं, और पुराने भाषण साझा किए। कई युवा नागरिकों ने भी उनकी नीतियों और योगदान की सराहना किया.

निष्कर्ष: विचारों में अटल, कर्मों में विशाल – अटल जी का योगदान अमर है

निष्कर्ष: विचारों में अटल, कर्मों में विशाल – अटल जी का योगदान अमर है

अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक राजनेता थे. बल्कि वे भारत की आत्मा की आवाज़ थे.उनके शब्दों में गहराई थी और कार्यों में दूरदर्शिता. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई श्रद्धांजलि इस बात का प्रमाण है कि वाजपेयी जी का दृष्टिकोण आज भी शासन और नीति निर्माण को दिशा दे रहा है.

उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि राजनीति केवल सत्ता का साधन नहीं बल्कि सेवा और समर्पण का माध्यम है.उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही भारत एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समावेशी राष्ट्र बन सकता है.

आज जब हम उन्हें याद करते हैं, तो केवल उनके पदों या उपलब्धियों को नहीं बल्कि उस मूल्य-आधारित राजनीति को भी याद करते हैं जिसकी आज सबसे ज्यादा ज़रूरत है.

वाजपेयी जी को शत्-शत् नमन. उनका आदर्श युगों-युगों तक भारत को प्रेरित करता रहेगा.

Trending news

Leave a Comment