युवा विरोधी है मौजूदा सरकार: एजाज अहमद
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 3 अक्टूबर 2025 — बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमाती नज़र आ रही है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल होने वाली वर्चुअल मीटिंग को लेकर आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) ने तीखा हमला बोला है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री बिहार की जनता और युवाओं को “सब्जबाग दिखाने और भरमाने का काम करेंगे.
एजाज अहमद ने कहा कि चुनाव के समय मोदी जी नई-नई बातें करके जनता के बीच उम्मीदों का माहौल बनाएंगे, लेकिन चुनाव बाद वही वादे जुमलाबाजी साबित होते हैं.
2014 के वादे और 11 साल का हिसाब
आरजेडी प्रवक्ता ने पीएम मोदी को 2014 के वादे याद दिलाते हुए कहा कि उस समय उन्होंने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का दावा किया था.लेकिन हकीकत यह है कि 11 साल की सरकार में 22 करोड़ नौकरियों की जगह सिर्फ 8 लाख 30 हजार रोजगार ही दिया गया है.
उन्होंने कहा कि बिहार का युवा अब इन जुमलों को पहचान चुका है और इस बार बहकावे में आने वाला नहीं है.
तेजस्वी यादव का रिकॉर्ड बनाम मोदी सरकार
एजाज अहमद ने तेजस्वी यादव की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा है कि जब वे महागठबंधन सरकार का हिस्सा थे, तब केवल 17 महीने में ही साढ़े 5 लाख नौकरियां दिया गया . इतना ही नहीं, तीन लाख से अधिक रिक्तियां भी छोड़ी गईं, लेकिन वर्तमान डबल इंजन सरकार ने अब तक उन्हें भरा नहीं है.
आरजेडी नेता के अनुसार, यह साफ दिखाता है कि बिहार का युवा तेजस्वी यादव की सकारात्मक सोच और दृष्टि के साथ खड़ा है.
युवा विरोधी है मौजूदा सरकार: एजाज अहमद
अपने बयान में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूरी तरह से युवा विरोधी और जनविरोधी हो चुका है. नौजवानों को रोजगार और अवसर देने के बजाय उन्हें पुलिसिया अत्याचार और लाठियों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा कार्यालय को बैरिकेडिंग कर दिया गया है ताकि युवाओं की आवाज़ वहां तक न पहुंचे. लोकतंत्र में जनता की आवाज़ सुनना जरूरी होता है, लेकिन भाजपा सरकार इस मूल सिद्धांत को भी नकार रही है.
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बिहार की राजनीति में बदलते समीकरण
बिहार की राजनीति में चुनाव नज़दीक आते ही तेजस्वी यादव और आरजेडी लगातार युवाओं और रोजगार के मुद्दे को उठा रहे हैं.वहीं भाजपा विकास और केंद्र की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन विपक्ष का दावा है कि केंद्र सरकार की योजनाएं केवल कागज़ पर हैं और जमीनी स्तर पर उनका कोई असर नहीं है.
एजाज अहमद का यह बयान साफ तौर पर दिखाता है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में रोजगार का मुद्दा भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाला है.
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित वर्चुअल मीटिंग से पहले ही विपक्ष ने उनके खिलाफ जोरदार राजनीतिक हमला बोल दिया है. एजाज अहमद का बयान इस ओर इशारा करता है कि बिहार में चुनावी जंग का मुख्य मुद्दा नौकरियां और युवाओं का भविष्य होगा.
जहाँ मोदी सरकार पर “वादाखिलाफी” और “जुमलाबाजी” के आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव खुद को युवाओं का भरोसेमंद नेता साबित करने में जुटे हैं.अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता किस पर विश्वास जताती है—वादों पर या फिर किए गए कामों पर.

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