कुर्सी के लिए कुर्बान बिहार?

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Ajit Kumar

बिहार
कुर्सी के लिए कुर्बान बिहार? प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बिहार को बर्बाद कर रहे हैं?

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बिहार को बर्बाद कर रहे हैं?

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,8 जुलाई :बिहार की राजनीति में बयानबाजी एक बार फिर तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज एक तीखा राजनीतिक हमला बोला है. उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि ,

“प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी दोनों अपनी कुर्सी बचाने के लिए बिहार को बर्बाद कर रहे हैं:तेजस्वी यादव

इस ट्वीट के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में बेरोजगारी, महंगाई और विकास कार्यों की धीमी रफ्तार को लेकर आम जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है.

बिहार के विकास पर सवाल

तेजस्वी यादव लंबे समय से राज्य की खराब होती स्थिति को लेकर नीतीश कुमार सरकार और केंद्र की नीतियों पर निशाना साधते रहे है. उनका मानना है कि.

  • बेरोजगारी चरम पर है, युवा पलायन को मजबूर हैं
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं
  • घोषित योजनाएं जमीन पर नहीं उतर रहीं
  • और केंद्र-राज्य के बीच तालमेल की कमी से राज्य की हालत और खराब हो रही है
  • तेजस्वी ने इशारों में यह भी बताया कि नेता अब जनता की सेवा नहीं, बल्कि सत्ता की सुरक्षा में लगे हैं.

राजनीति में बढ़ता तापमान

इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गया है कि यह सब 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है. तेजस्वी यादव अपने समर्थकों को सक्रिय करने और केंद्र-राज्य सरकार की विफलताओं को मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं.

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वहीं, भाजपा और जेडीयू की ओर से इस ट्वीट पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने हलचल जरूर शुरू हो चुकी है.

जनता की नजर में मुद्दे क्या हैं?

  • बिहार में आम लोगों के लिए अभी जो प्रमुख मुद्दे हैं, वे इस प्रकार हैं.
  • रोजगार की कमी
  • कृषि संकट
  • महंगाई
  • महिला सुरक्षा
  • शिक्षा संस्थानों की हालत
  • स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा
  • तेजस्वी यादव इन सभी मुद्दों को अपनी राजनीति का केंद्र बिंदु बनाकर आगे बढ़ रहे हैं.

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव का यह बयान न सिर्फ वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि बिहार की राजनीति एक बार फिर तीव्र मोड़ पर पहुंच गई है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जनता इन आरोपों को कितनी गंभीरता से लेती है और आने वाले चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है.

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