गड़बड़ी पकड़ी गई है, अब कार्रवाई क्यों नहीं?
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली,8 अगस्त 2025 — भारतीय लोकतंत्र की सबसे मजबूत नींव है, जनता का वोट और उस पर जनता का भरोसा. लेकिन जब उसी वोट की पवित्रता पर सवाल उठने लगें.जब चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की जगह साज़िशों की परछाइयाँ दिखने लगें.तब समझ लेना चाहिये कि देश के लोकतंत्र पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.
ऐसा ही कुछ दावा कर रही है कांग्रेस पार्टी. जिसने चुनाव आयोग और भाजपा पर मिलकर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया है.प्रियंका गांधी वाड्रा का तीखा हमला और राहुल गांधी का बड़ा खुलासा अब देश की सियासत में भूचाल लाने को तैयार है. सवाल यह नहीं कि कौन सत्ता में है. सवाल यह है कि क्या सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र के असली रखवाला हैं?
आइए, आगे जानते हैं विस्तार से…
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर सवाल उठाते हुये दावा किया है कि देश में वोटर लिस्ट को लेकर बड़ी गड़बड़ी हो रही है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा किए गए खुलासे की जांच किया जाना चाहिये लेकिन चुनाव आयोग न सिर्फ जांच से बच रहा है बल्कि उल्टा कांग्रेस से हलफनामा मांग रहा है.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि,
“राहुल गांधी जी ने इतना बड़ा खुलासा किया है.उसकी जांच होना चाहिये.चुनाव आयोग वोटर लिस्ट नहीं दे रहा है. जांच नहीं कर रहा है. उल्टा हलफनामा मांग रहा है. हम लगातार डेटा दिखा रहे हैं. लेकिन आयोग अपना ही डेटा मानने को तैयार क्यों नहीं हो रहा है?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और भाजपा के बयानों से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि भारी गड़बड़ी हो रहा है.
क्या है मामला?
राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि देश में वोटर डेटा में बड़ी हेराफेरी हो रहा है. इसके पीछे एक संगठित तंत्र होने का संदेह जताया गया है. कांग्रेस का कहना है कि उनके पास इसके ठोस सबूत हैं और उन्होंने चुनाव आयोग से इस पर संज्ञान लेने की मांग किया है.
भाजपा और चुनाव आयोग के गठजोड़ का आरोप, राहुल गांधी के खुलासे पर कांग्रेस आक्रामक
देश के लोकतंत्र की बुनियाद माने जाने वाले चुनाव आयोग की साख पर कांग्रेस ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग विपक्ष की आवाज़ दबाने में लगा है और भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है. राहुल गांधी द्वारा वोटर डेटा में गड़बड़ी को लेकर किए गए सनसनीखेज खुलासे के बाद प्रियंका गांधी का यह बयान राजनीतिक तूफान ला सकता है.
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कांग्रेस बोली,हम सबूत दे रहे हैं.लेकिन आयोग अपना ही डेटा मानने को तैयार नहीं
प्रियंका गांधी का सीधा आरोप है कि जब कांग्रेस ने बार-बार चुनाव आयोग को डेटा मुहैया कराया है. तो आयोग आखिर क्यों अपनी ही पारदर्शिता पर पर्दा डाल रहा है? क्यों जांच की बजाय विपक्ष से हलफनामा मांगने की नौबत आई? क्या यह लोकतंत्र के साथ धोखा नहीं है?
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भारी गड़बड़ी हो रही है, प्रियंका गांधी के बयान से हिल गया राजनीतिक मैदान
कांग्रेस का कहना है कि वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ सुनियोजित ढंग से की जा रहा है.अगर यह सही साबित होता है. तो यह सिर्फ चुनावी प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र की नींव को हिला देने वाला मामला बन सकता है. प्रियंका गांधी का सवाल लाजिमी है— आखिरकार जनता के वोट से किसे डर लग रहा है?
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कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग भाजपा से सवाल पूछने के बजाय विपक्ष पर दबाव बना रहा है.प्रियंका गांधी ने लिखा— हम डेटा दिखा रहे हैं.किन आयोग आंखें मूंदे बैठा है.यह चुप्पी खुद में एक अपराध है.सवाल यह है कि क्या लोकतंत्र का सबसे बड़ा प्रहरी ही सत्ता का सेवक बन चुका है?
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सूत्रों की मानें तो कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर जल्द ही देशभर में आंदोलन छेड़ने की योजना बना रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस, जनसभाएं और सोशल मीडिया अभियान के ज़रिए कांग्रेस अब इस मामले को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाना चाहता है.प्रियंका गांधी का तेवर साफ है— अब खामोश बैठना लोकतंत्र से गद्दारी होगी.
निष्कर्ष
वोट सिर्फ केवल एक अधिकार हि नहीं है बल्कि वह लोकतंत्र की आत्मा है.अगर चुनाव प्रक्रिया पर ही सवाल उठने लगें.तो पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाता है. प्रियंका गांधी और राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल सिर्फ विपक्ष की चिंता नहीं. बल्कि हर जागरूक नागरिक की आवाज़ हैं. अब ज़रूरत है निष्पक्ष जांच की. ताकि लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हों — ना कि साजिशों से खोखली.

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