राहुल गांधी का बड़ा आरोप:भारत में बेरोज़गारी और वोट चोरी एक-दूसरे से जुड़े हैं
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,23 सितंबर 2025 – कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म,एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक बड़ा बयान दिया है.उनका कहना है कि भारत में बेरोज़गारी सिर्फ़ आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध चुनावों में होने वाली वोट चोरी से भी है. राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब कोई सरकार जनता का विश्वास जीतकर सत्ता में आती है, तो उसका पहला कर्तव्य युवाओं को रोज़गार और अवसर देना होता है. लेकिन बीजेपी ईमानदारी से चुनाव नहीं जीतती, बल्कि वोट चोरी और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कैद करके सत्ता में बनी रहती है.
बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि भारत में बेरोज़गारी दर आजादी के बाद के 45 सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है. लाखों डिग्रीधारी युवा रोजगार की तलाश में हैं लेकिन अवसर न मिलने से उनका भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है.
नौकरियां लगातार घट रही हैं.
सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया ध्वस्त हो चुकी है.
हर भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार की कहानियों से जुड़ी रहती है.
लगभग हर परीक्षा में पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं.
युवाओं के सपनों और मेहनत के बावजूद सरकार पर आरोप है कि वह केवल PR और अरबपतियों के मुनाफे बढ़ाने में लगी हुई है.
पेपर लीक और भर्ती घोटालों ने तोड़ी उम्मीदें
देश में प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार पेपर लीक होना अब आम खबर बन चुकी है.उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हाल के वर्षों में कई बार पेपर लीक घोटाले सामने आया है .इससे मेहनती और योग्य छात्रों का मनोबल टूट रहा है. राहुल गांधी का कहना है कि “हर भर्ती प्रक्रिया भ्रष्टाचार की कहानियों से जुड़ी रहती है,” जो सीधे तौर पर युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर रही है.
बीजेपी सरकार पर PR और अरबपतियों को फायदा पहुँचाने का आरोप
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधा हमला बोला है, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार युवाओं की उम्मीदों और भविष्य की चिंता करने के बजाय सिर्फ़ अपना गुणगान करने और सेलिब्रिटीज़ से PR करवाने में लगी रहती है. इसके साथ ही अरबपतियों के मुनाफे लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि आम युवाओं के लिए अवसर घटते जा रहे हैं.
असली लड़ाई बेरोज़गारी नहीं, वोट चोरी के खिलाफ है
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि असली समस्या सिर्फ़ बेरोज़गारी नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और चुनावी ईमानदारी पर हमला है. जब तक चुनाव चोरी होते रहेंगे और लोकतांत्रिक संस्थाएं स्वतंत्र रूप से काम नहीं करेंगी, तब तक बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार भी बढ़ते रहेंगे.
उनके अनुसार:
अगर चुनाव निष्पक्ष होंगे तो सरकार जनता की जवाबदेह होगी.
जवाबदेह सरकारें युवाओं के लिए नौकरियां और अवसर पैदा करने पर मजबूर होंगी.
लेकिन जब सरकार वोट चोरी से सत्ता में आती है, तो उसे युवाओं की परवाह नहीं होती.
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भारत का युवा अब जाग चुका है
राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत का युवा अब इस सच्चाई को समझ चुका है. वह न केवल नौकरियों की लूट के खिलाफ बल्कि वोट चोरी के खिलाफ भी संघर्ष कर रहा है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया है कि अब यह लड़ाई सिर्फ़ रोजगार पाने की नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने की है.
उनके शब्दों में, भारत को बेरोज़गारी और वोट चोरी से मुक्त करना ही अब सबसे बड़ी देशभक्ति है.
राजनीतिक मायने और भविष्य की दिशा
विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी लगातार बेरोज़गारी के मुद्दे को राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं. 2025 और उसके बाद के चुनावों में यह मुद्दा विपक्ष के लिए सबसे बड़ा हथियार बन सकता है.
बेरोज़गारी और पेपर लीक जैसे मुद्दे सीधे युवाओं को प्रभावित करते हैं.
भारत की 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है.
ऐसे में रोजगार संकट और लोकतंत्र पर खतरा विपक्षी दलों के लिए अहम चुनावी मुद्दा बन सकते हैं.
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह बयान केवल एक राजनीतिक हमला नहीं, बल्कि भारतीय युवाओं की गहरी समस्या को उजागर करता है.बेरोज़गारी, पेपर लीक और भ्रष्टाचार आज हर परिवार की चिंता है.वहीं, वोट चोरी और संस्थागत नियंत्रण लोकतंत्र पर गहरा सवाल उठाते हैं.
अगर युवाओं की उम्मीदें और सपने पूरे करने हैं तो सरकार को ईमानदार चुनावों के जरिए जनता का विश्वास जीतना होगा और वास्तविक रोजगार अवसर पैदा करने होंगे.वरना जैसा कि राहुल गांधी ने कहा – अब युवा न नौकरी की लूट सहेंगे, न वोट की चोरी.
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