राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा हमला

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Ajit Kumar

भारत
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला: 'वोट चोरी' का सबूत सीआईडी को दो

वोट चोरी’ रोकें और सबूत सीआईडी को सौंपें!

तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली,18 सितंबर 2025 – कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग (ECI) को कटघरे में खड़ा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.राहुल का कहना है कि आयोग, वोट चोरों को संरक्षण देने का काम कर रहा है और इसे तुरंत बंद करना चाहिए. उन्होंने मांग किया है कि एक सप्ताह के भीतर कर्नाटक सीआईडी को सभी तकनीकी सबूत सौंपे जाएं, ताकि मतदाता सूची से जुड़े हेरफेर की निष्पक्ष जांच हो सके.

आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची घोटाले का आरोप

यह पूरा विवाद कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है.राहुल गांधी का दावा है कि यहां हजारों वैध मतदाताओं के नाम चुनावी सूची से जानबूझकर हटाए गए.उन्होंने आरोप लगाया कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर फर्जी आवेदन दाखिल किए गए, जिसके चलते सिर्फ आलंद में ही करीब 6,018 नाम हटा दिए गए.
राहुल का कहना है कि यह कार्रवाई कांग्रेस समर्थकों को निशाना बनाने की साजिश है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सबूत भी पेश किए, जिनमें मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस जैसी तकनीकी जानकारियां शामिल थीं. उनके मुताबिक यह गड़बड़ी कर्नाटक से बाहर बैठे लोगों द्वारा की गई है.

सिद्धारमैया और कांग्रेस का समर्थन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन किया है.उन्होंने चुनाव आयोग से अपील किया है कि मामले से जुड़े सभी तकनीकी रिकॉर्ड और डिटेल्स सीआईडी को तत्काल सौंपे जाएं.उनका कहना है कि पारदर्शिता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह कदम जरूरी है.

चुनाव आयोग पर सीधा वार

राहुल गांधी ने न सिर्फ संस्था बल्कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी सीधा हमला बोला. उन्होंने उन्हें ,लोकतंत्र के हत्यारों का संरक्षक, तक कह डाला. राहुल का आरोप है कि चुनाव आयोग जानबूझकर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और इस वजह से संदेह और गहरा हो रहा है.
उन्होंने चेतावनी दिया कि अगर चुनाव आयोग के वर्तमान या पूर्व अधिकारी इस धांधली में शामिल पाए जाते हैं, तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी. राहुल ने इसे देशद्रोह जैसा अपराध करार दिया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने की सुनियोजित साजिश है.

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भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

जहां कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बताया है, वहीं भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस अपनी हार और गिरती लोकप्रियता छिपाने के लिए इस तरह के,झूठे आरोप लगा रही है.

वहीं, सोशल मीडिया पर #वोट चोर हैशटैग ट्रेंड कर रहा है. बड़ी संख्या में यूजर्स राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं.

चुनाव आयोग का रुख और संभावित कानूनी लड़ाई

ईसीआई ने अब तक सभी आरोपों को निराधार बताया है.आयोग का कहना है कि मतदाता सूचियों का अपडेट पूरी तरह पारदर्शी तरीके से होता है और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है. हालांकि विपक्ष का मानना है कि ईसीआई अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है.
इस मामले के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की संभावना भी जताई जा रही है.कांग्रेस का कहना है कि अगर आयोग ने सबूत नहीं सौंपे, तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

लोकतंत्र पर बड़ा सवाल

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है. राहुल गांधी का दावा है कि पूरे देश में इसी तरह के सॉफ्टवेयर-आधारित धांधली की जा रही है. अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता के लिए गंभीर खतरा होगा.उन्होंने युवाओं से अपील किया है कि वे चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखें और किसी भी गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाएं.

नतीजा क्या होगा?

इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. एक ओर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आक्रामक है, तो दूसरी ओर भाजपा इसे सिर्फ राजनीतिक हथकंडा बता रही है.सच क्या है, यह जांच पर निर्भर करेगा. लेकिन इतना तय है कि राहुल गांधी का यह हमला आने वाले चुनावों की पृष्ठभूमि पर गहरा असर डाल सकता है.

कुल मिलाकर, राहुल गांधी का यह बयान सिर्फ राजनीतिक हमला नहीं बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल है.अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि क्या चुनाव आयोग सबूत सीआईडी को सौंपेगा या मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेगा.

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