बोले, जल्द सामने आएगी बड़ी वोट घोटाले की सच्चाई
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली, 2 सितंबर 2025 – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान को लेकर गहरी चिंता जताई है.एक ताजा बयान में उन्होंने सीधे तौर पर उन ताकतों पर निशाना साधा है.जिन्हें उन्होंने ,महात्मा गांधी की हत्या करने वाली शक्तियां करार दिया और आरोप लगाया कि अब वही शक्तियां भारत के संविधान को खत्म करने की साजिश कर रही हैं
यह जोरदार टिप्पणी 1 सितंबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा उनके एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा एक वीडियो के माध्यम से सामने आई है.वीडियो में राहुल गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, हम संविधान को मिटाने नहीं देंगे. जो लोग चुनावी प्रक्रिया को हथियार बना रहे हैं. उन्हें बेनकाब किया जाएगा.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा और लिखा भी कि –
जो ताकतें महात्मा गांधी की हत्या में शामिल थीं, वे अब हमारे संविधान को खत्म करना चाहती हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक के महादेवपुरा में सामने आए वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों की तरह एक और बड़ी चुनावी धांधली का खुलासा जल्द किया जाएगा.
कर्नाटक से उठी धांधली की गूंज
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में सामने आए वोटर सूची में कथित गड़बड़ियों का जिक्र किया.उन्होंने इशारा किया कि यह तो सिर्फ शुरुआत है – आने वाले दिनों में इससे भी बड़े पैमाने पर वोट चोरी और चुनावी हेरफेर का खुलासा किया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पास कुछ ऐसे दस्तावेज़ और प्रमाण हैं, जो यदि सार्वजनिक हुए, तो चुनाव आयोग और सत्ताधारी दल की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर सकते हैं.
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लोकतंत्र बनाम सत्ता – राजनीतिक संग्राम तेज
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब देशभर में संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता, चुनावी पारदर्शिता, और लोकतंत्र की मजबूती को लेकर बहस तेज हो गई है . कांग्रेस लगातार यह आरोप लगाती रही है कि सत्ता पक्ष लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह रुख आगामी चुनावों के मद्देनज़र विपक्ष की रणनीति का अहम हिस्सा है.इससे न केवल कांग्रेस के समर्थकों को एकजुट किया जा रहा है, बल्कि आम मतदाताओं में भी चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
सत्ता पक्ष की चुप्पी सवालों के घेरे में
राहुल गांधी के इस आक्रामक बयान पर अब तक सत्तारूढ़ दल या चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.हालांकि कांग्रेस की ओर से यह संकेत दिए जा रहे हैं कि आने वाले समय में और अधिक सबूतों और दस्तावेजों के साथ एक बड़ा खुलासा किया जाएगा. जिससे चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता पर एक बार फिर राष्ट्रीय बहस छिड़ सकती है.
निष्कर्ष
राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की मूल भावना को बचाने की यह जंग क्या रंग लाएगी, यह तो आने वाला समय बताएगा. लेकिन इतना साफ है कि कांग्रेस अब चुनावी मैदान में सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि संवैधानिक मुद्दों को लेकर निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में है.

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