एजाज अहमद का बड़ा हमला: भाजपा की चुप्पी और प्रशांत किशोर की डील पर सवाल
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,29 सितंबर 2025 बिहार की राजनीति में इन दिनों आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. राजद (RJD) लगातार सत्ताधारी भाजपा और उसके नेताओं को घेरने का काम कर रही है.इसी कड़ी में राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने एक बार फिर भाजपा और उसके शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किये हैं.उन्होंने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर लगे आरोपों को लेकर तीखे शब्दों में बयान दिया और कहा कि इतने गंभीर मामले में मुख्यमंत्री और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व क्यों चुप है.
सम्राट चौधरी पर आरोप और भाजपा की चुप्पी
राजद प्रवक्ता ने कहा कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के खिलाफ हत्या के मामले में बरी होने को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं. आरोप है कि फर्जी दस्तावेज लगाकर उन्हें बरी कराया गया है . यह बेहद गंभीर मामला है और जनता के सामने इस पर खुलकर सफाई देना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि,
“जब इतने गंभीर आरोप डिप्टी सीएम पर लग रहे हैं तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री इस पर चुप क्यों है? क्या उनकी चुप्पी का मतलब कहीं ना कहीं इन आरोपों को मौन सहमति देना है?
प्रशांत किशोर पांडेय पर सवाल
एजाज अहमद ने अपने बयान में प्रशांत किशोर पांडेय की भूमिका पर भी सवाल उठाए.उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर करने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर आखिर शर्तों के साथ क्यों सामने आ रहे हैं?
उन्होंने कहा कि जब अशोक चौधरी के संबंध में मुद्दा उठा तो प्रशांत किशोर ने यह शर्त रख दी कि यदि उनकी शर्तें नहीं मानी गईं तो वह और घोटाले उजागर करेंगे.
इस पर सवाल खड़ा करते हुए एजाज अहमद ने कहा कि, “अगर आप भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर रहे हैं तो उसमें शर्तों का क्या मतलब? शर्तें तभी आती हैं जब कहीं न कहीं अंदरखाने कोई समझौता हो रहा हो.
भाजपा नेताओं पर मौन और राजनीति का खेल
राजद प्रवक्ता ने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर पांडेय ने मंगल पांडे और दिलीप जायसवाल के मामले पर चुप्पी साध ली है.सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा से अंदरखाने कोई समझौता हो चुका है?
उन्होंने स्पष्ट कहा है कि,
“भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर करना जनता के लिए है, लेकिन यदि उसमें शर्तें लगाई जाएं और कुछ मामलों में चुप्पी साध ली जाए तो यह सीधा-सीधा राजनीतिक सौदेबाजी का संकेत देता है.जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ नहीं करेगी.
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जनता के बीच बेनकाब होने का खतरा
एजाज अहमद ने चेतावनी दी है कि इस तरह की राजनीति करने वाले नेता जनता के बीच बेनकाब हो जायेंगे. उनका कहना था कि शर्तों के साथ भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने का दावा करने से साफ होता है कि नेता खुद को फायदा पहुंचाने के लिए मामले उठा रहे हैं, न कि जनता के हित के लिए.
उन्होंने कहा कि आज की जनता जागरूक है और ऐसे राजनीतिक खेल को समझ रही है. अगर नेता पारदर्शी नहीं हुए तो आने वाले चुनावों में जनता उन्हें करारा जवाब देगी.
बिहार की राजनीति में बढ़ती तल्खी
बिहार की राजनीति पहले ही जातिगत समीकरणों और भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर चर्चाओं में रहती है.
एक ओर भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए रणनीति बना रही है.
दूसरी ओर राजद और अन्य विपक्षी दल लगातार सरकार को घेरने में लगे हैं.
ऐसे में जब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगते हैं और विपक्ष इस पर सवाल उठाता है, तो माहौल और गरम होता है.
राजद की कोशिश है कि जनता के बीच यह संदेश जाए कि भाजपा भ्रष्टाचार और अपराध के आरोपों पर चुप्पी साध रही है. वहीं, भाजपा इस समय रणनीतिक रूप से इन मुद्दों पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने से बच रही है.
निष्कर्ष
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद का बयान बिहार की राजनीति को और गरमा दिया है .सम्राट चौधरी पर लगे गंभीर आरोप और प्रशांत किशोर पांडेय पर लगाए गए सवाल आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता हैं. विपक्ष जहां इसे जनता के बीच लेकर जाएगा, वहीं भाजपा को यह तय करना होगा कि इन आरोपों पर उसका रुख क्या होगा.
स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में आने वाले समय में भ्रष्टाचार, अपराध और राजनीतिक समझौते ही प्रमुख चुनावी मुद्दे बनने वाले हैं.अब देखना यह होगा कि जनता किस पर भरोसा जताती है और किसे नकारती है.

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