गठबंधन की राजनीति में सीमित सीटें, चुनौती बड़ी
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 19 अक्टूबर 2025 —राजनीति में टिकट वितरण का दौर हमेशा उत्सुकता और चर्चा का विषय रहा है.हर चुनावी मौसम में यही सवाल उठता है कि किसे टिकट मिलेगा और कौन बाहर रह जाएगा.इस स्वाभाविक प्रक्रिया पर राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने स्पष्ट और संयमित प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने कहा कि जिस दल का जनाधार बड़ा हो, कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक हो और जीत की संभावना ज्यादा हो, उस दल में टिकट के दावेदारों की संख्या भी स्वाभाविक रूप से अधिक होती है.
गगन ने यह भी कहा कि गठबंधन की राजनीति में यह चुनौती और भी बढ़ जाती है, क्योंकि वहां सीटों की संख्या पहले से तय होती है. ऐसे में हर विधानसभा क्षेत्र में टिकट पाने की होड़ के बावजूद सभी को अवसर मिल पाना संभव नहीं होता है. उन्होंने माना कि टिकट नहीं मिलने पर कुछ कार्यकर्ता भावावेश में आकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर देते हैं, परंतु इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए.
उन्होंने स्पष्ट किया कि राजद एक अनुशासित और जनसमर्पित पार्टी है, जहां हर कार्यकर्ता पार्टी के निर्णय का सम्मान करता है और पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के पक्ष में मजबूती से खड़ा रहता है. गगन के अनुसार, राजद का हर कार्यकर्ता पार्टी के उम्मीदवार को जिताने के लिए प्रतिबद्ध है.हमारे सभी प्रयासों का अंतिम लक्ष्य एक ही है — तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना.
राजद प्रवक्ता के इस बयान के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा सकते हैं.एक ओर यह बयान उन असंतुष्ट नेताओं को संदेश देता है जो टिकट न मिलने पर नाराज़गी जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह पार्टी के भीतर अनुशासन और एकजुटता का संकेत भी देता है.
गठबंधन की राजनीति की चुनौती
बिहार में एनडीए और महागठबंधन — दोनों ही बड़े गठबंधन कई दलों के सहयोग से बने हैं.सीट बंटवारे में अक्सर प्रत्येक दल की दावेदारी और संतुलन बनाना सबसे कठिन कार्य होता है.राजद, जो महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है, स्वाभाविक रूप से कई क्षेत्रों में अपने दावेदारों के बीच चयन को लेकर कठिन निर्णयों से गुजर रही है.
चित्तरंजन गगन का यह वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब कई दावेदार टिकट न मिलने पर नाराज़गी जता रहे हैं या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम
राजद ने हमेशा जमीनी कार्यकर्ताओं को अपनी ताकत बताया है. गगन ने भी यह दोहराया कि पार्टी का मूल आधार ही उसके निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. उन्होंने कहा, राजद के कार्यकर्ता जानते हैं कि यह चुनाव केवल सीटों का नहीं बल्कि विचारधारा और सामाजिक न्याय की रक्षा का चुनाव है.
उनका कहना है कि जब हर कार्यकर्ता एक लक्ष्य के साथ काम करता है, तब अस्थायी असंतोष अपने आप खत्म हो जाता है.
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तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भरोसा
बयान के अंतिम हिस्से में गगन ने यह स्पष्ट किया कि सभी असंतोष और विवादों से ऊपर पार्टी का नेतृत्व सर्वमान्य है। तेजस्वी यादव को राजद और महागठबंधन के कार्यकर्ता भविष्य का मुख्यमंत्री मानते हैं.
उन्होंने कहा कि “तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में नई राजनीति की शुरुआत हो चुकी है.अब लक्ष्य स्पष्ट है — गरीब, नौजवान, किसान और समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना.
राजनीतिक संदेश और रणनीति
राजद प्रवक्ता का यह बयान राजनीतिक रूप से बेहद संतुलित माना जा रहा है. उन्होंने न तो किसी को सीधे निशाना बनाया और न ही टिकट वितरण को लेकर उठ रहे विवादों से किनारा किया.बल्कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि पार्टी की ताकत उनकी एकजुटता में ही निहित है.
निष्कर्ष
राजद इस समय चुनावी मोड में है और ऐसे दौर में चित्तरंजन गगन का यह बयान पार्टी की एकता और नेतृत्व के प्रति वफादारी का प्रतीक माना जा रहा है.उन्होंने अपने शब्दों में एक सशक्त संदेश दिया,
टिकट किसी को भी मिले, जीत राजद की ही होगी, क्योंकि बिहार के लोग बदलाव के लिए तैयार हैं और इस बदलाव के नेतृत्वकर्ता तेजस्वी यादव हैं.

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