भाकपा (माले) का प्रतिनिधिमंडल मुख्य चुनाव आयुक्त से मिला
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली/पटना 23 जुलाई :भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी भाकपा (माले) ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग से गंभीर आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं. पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने 22 जुलाई को दिल्ली स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय में मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर इस प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग किया है

प्रतिनिधिमंडल में भाकपा (माले) बिहार राज्य कमिटी के सचिव कुणाल, काराकाट से सांसद एवं लोकसभा में माले दल के नेता राजाराम सिंह, आरा से सांसद सुदामा प्रसाद और केंद्रीय मुख्यालय से संजय शर्मा शामिल थे.
SIR प्रक्रिया पर गड़बड़ी के आरोप
प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग को सौंपे गए विस्तृत ज्ञापन में आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आ रहा हैं. उन्होंने आशंका जताया कि इस प्रक्रिया के तहत गरीबों, प्रवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों और युवाओं को मतदाता सूची से बड़ी संख्या में बाहर किया जा रहा है.जिससे लोकतंत्र की बुनियादी भावना को चोट पहुँच सकता है.
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चुनाव आयोग से ठोस मांगें
प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से अपील किया है कि वह SIR से संबंधित सभी सर्कुलर को अविलंब रद्द करे और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वही मतदाता सूची आधार बनाए जो 2024 के लोकसभा चुनाव में उपयोग में लाया गया था.सिर्फ उसका अद्यतन संस्करण लेकर.
लोकतंत्र की रक्षा की अपील
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया कि सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की मूल आत्मा है. ऐसे किसी भी प्रयास को जो इसे कमजोर करता हो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से अपेक्षा किया है कि वह निष्पक्ष, स्वतंत्र और समावेशी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपनी संवैधानिक भूमिका का पूरी निष्ठा से पालन करे.
इस मुलाकात को विपक्ष द्वारा लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है.आगामी दिनों में SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो सकता है.

मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.