मां-बाप की व्यथा: वाराणसी पुलिस पर अंतिम संस्कार में जबरदस्ती और सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप
तीसरा पक्ष डेस्क/पटना/वाराणसी/सासाराम, 24 सितम्बर 2025 :बिहार की बेटी और JEE की तैयारी कर रही छात्रा स्नेहा सिंह कुशवाहा की संदिग्ध मौत के बाद उसका परिवार और कई बुद्धिजीवी संगठनों ने वाराणसी पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बुधवार को पटना स्थित होटल सम्राट इंटरनेशनल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्नेहा के माता-पिता, सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी एकजुट होकर सीबीआई जांच की मांग की.
पुलिस पर अंतिम संस्कार में जोर जबरदस्ती और सबूतों से छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप

स्नेहा के पिता सुनील कुमार कुशवाहा ने कहा कि 1 फरवरी को वाराणसी के रामेश्वर गर्ल्स हॉस्टल में उनकी बेटी को हत्या के बाद खिड़की से लटकाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि वाराणसी पुलिस ने हत्या के सबूत मिटाने के लिए दबाव बनाया और बिना परिवार की सहमति के हरिश्चंद्र घाट पर जबरन अंतिम संस्कार कराया.
उन्होंने बताया कि घटना के बाद दर्ज एफआईआर (0056) में हॉस्टल मालिक सीता राम पांडेय व उनके परिवार का नाम होने के बावजूद न तो बयानों की रिकॉर्डिंग हुई, न ही मोबाइल सीडीआर की जांच.
ये भी पढ़ें:अखिलेश यादव ने उठाए जातिगत भेदभाव खत्म करने के सवाल
संदिग्ध परिस्थितियां

कुशवाहा परिवार ने फोटो दिखाते हुए सवाल उठाया कि जब स्नेहा के दोनों पैर ज़मीन को छू रहे थे, तो आत्महत्या कैसे संभव है. इसके अलावा, गले में पीछे की ओर दो मजबूत गांठों वाला गमछा बंधा था, जो स्वयं करना किसी लड़की के लिए कठिन है.
स्नेहा की मां जूही देवी ने बताया कि उन्होंने रात 10 बजे बेटी से बात की थी, उस समय वह ट्रैक सूट में थी, जबकि मौत के बाद उसकी ड्रेस बदल दी गई थी. उन्होंने पोस्टमार्टम रूम में बेटी के सोने के गहने चोरी होने का भी आरोप लगाया.
ये भी पढ़ें:भाजपा की शिक्षा नीतियों पर अखिलेश यादव का हमला:भाजपा जाए तो स्कूल खिलखिलाए”
सामाजिक संगठनों का सरकार और पुलिस प्रशासन पर आरोप
कुशवाहा बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष देवेंद्र भारती ने कहा, “प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में यह घटना महिला सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल खड़ा करती है. पुलिस लीपापोती कर रही है और निष्पक्ष जांच नहीं हो रही.”
एडवोकेट अजीत कुमार और डॉ. विमल कारक ने इस घटना को “बेटियों की सुरक्षा पर गहरा सवाल” उठाते हुए सीबीआई जांच और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.
एडवोकेट अजित कुमार ने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में प्लांड हत्या होती है फिर भी वहां की सरकार मुजरिमों को बचाने में लगी है, जबकि हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद कर रहे हैं . ये दर्शाता है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना फर्क है.
मांग: सीबीआई जांच और न्याय
परिवार और बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में कहा कि जब तक स्नेहा को न्याय नहीं मिलता, संघर्ष जारी रहेगा. उनका आरोप है कि वाराणसी पुलिस रामेश्वर गर्ल्स हॉस्टल के मालिकों को बचा रही है.
निष्कर्ष:
स्नेहा हत्याकांड न सिर्फ उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था बल्कि बेटियों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाता है. परिवार का कहना है कि उन्हें न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा और वे इस मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाएंगे.
I am a blogger and social media influencer. I am engaging to write unbiased real content across topics like politics, technology, and culture. My main motto is to provide thought-provoking news, current affairs, science, technology, and political events from around the world.



















