STET अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज: लोकतंत्र, शिक्षा और रोजगार पर हमला!

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Kumar Ranjit

बिहार
STET अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज: लोकतंत्र, शिक्षा और रोजगार पर हमला!

भाकपा-माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद का ऐलान

तीसरा पक्ष ब्यरो पटना, 7 अगस्त:बिहार की राजधानी पटना में आज उस समय हालात तनावपूर्ण हो गया. जब STET अभ्यर्थियों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया.इस घटनाक्रम ने पूरे राज्य में आक्रोश की लहर दौड़ा दिया है .भाकपा-माले ने इस कार्रवाई को बर्बर करार देते हुए भाजपा–जदयू सरकार को छात्र–युवा विरोधी घोषित किया है.

STET अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज: लोकतंत्र, शिक्षा और रोजगार पर हमला!

भाकपा-माले के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल ने कहा कि सरकार पहले तो युवाओं को नौकरियों से वंचित करता है. और अब जब वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें उठा रहा हैं. तो उन पर लाठियां बरसाया जा रहा हैं. उन्होंने इस घटना को न सिर्फ लोकतंत्र पर हमला बताया है बल्कि इसे शिक्षा और रोजगार के अधिकारों का भी खुली अवहेलना करार दिया है.

STET अभ्यर्थी TRE-4 बहाली प्रक्रिया से पहले STET परीक्षा के आयोजन की मांग कर रहे थे. ताकि योग्य अभ्यर्थियों को अवसर मिल सके. लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों को सुनने की बजाय लाठीचार्ज कर जवाब दिया गया है.

भाकपा-माले ने इस पूरे मामले में संलिप्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग किया है. साथ ही घायल छात्रों के समुचित इलाज और प्रदर्शनकारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी की बात भी कही है.

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पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह युवाओं और छात्रों की न्यायपूर्ण मांगों के साथ पूरी ताकत से खड़ा है. भाकपा-माले ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में इस दमनकारी रवैये के खिलाफ पूरे बिहार में राज्यव्यापी प्रतिवाद आयोजित किया जाएगा.

यह घटना एक बार फिर दिखाता है कि मौजूदा सरकार शिक्षा और रोजगार के सवालों से आंख चुरा रहा है. और जब युवा अपनी बात रखने आगे आता हैं, .तो उनके विरोध को बलपूर्वक कुचलने का प्रयास किया जाता है.

बिहार में अब यह केवल नौकरी की नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी लड़ाई बन चुका है.

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