जयचंद पर सीधा वार, परिवार समेत राज्य छोड़ने का आरोप
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 20 अगस्त 2025—बिहार की सियासत में हलचल होना कोई नई बात नहीं है.लेकिन जब राजद नेता तेज प्रताप यादव बोलते हैं. तो सियासी गलियारों में खलबली मचना तय होता है. अपने बेबाक और रहस्यमयी अंदाज़ के लिए पहचाने जाने वाले तेज प्रताप ने एक बार फिर ऐसा दावा कर दिया है. जिसने ना सिर्फ राजनीतिक पंडितों को चौंकाया दिया है. बल्कि जनता और मीडिया को भी सतर्क कर दिया है.
तेज प्रताप ने इशारा किया है कि,पांच जयचंदों में से एक अब बिहार छोड़ने की तैयारी में है — और वो भी अपने पूरे परिवार के साथ. बगैर किसी नाम का खुलासा किए बिना,उन्होंने साफ कर दिया कि ये ‘जयचंद’ आज ही पटना जंक्शन, एयरपोर्ट या बस स्टैंड से निकल सकता है.
आखिर ये कौन है जो चुनावी रणभूमि से भाग रहा है? क्या तेज प्रताप की बातों में कोई बड़ी साजिश छिपी है? या यह एक रणनीतिक राजनीतिक दबाव है? आइए, आगे जानते हैं विस्तार से…
तेज प्रताप यादव का सनसनीखेज आरोप: जयचंद, परिवार समेत बिहार से भाग रहा है!
राजद नेता तेज प्रताप यादव ने आज एक ऐसा बयान दे दिया जिसने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दिया है.एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए गए अपने पोस्ट में तेज प्रताप ने दावा किया है कि “पांच जयचंदों” में से एक अब बिहार छोड़ने की तैयारी में है.उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति अपने पूरे परिवार के साथ आज शाम पटना से रवाना हो सकता है.
बगैर किसी का नाम लिए तेज प्रताप ने संकेत दिया कि यह व्यक्ति या तो पटना जंक्शन, पटना एयरपोर्ट, या किसी बस स्टैंड से फरार हो सकता है. उनका यह बयान सीधे तौर पर किसी बड़े राजनीतिक चेहरे पर हमला माना जा रहा है.
चुनावी मौसम में,मैदान छोड़ना क्या दर्शाता है? तेज प्रताप ने उठाए सवाल
तेज प्रताप यादव ने सवाल उठाया है कि जब चुनाव सामने हैं, तो मैदान छोड़कर भागने की तैयारी करना क्या दर्शाता है? उन्होंने लिखा है की,
“जब चुनाव का समय आया तो मैदान छोड़कर भागना ये क्या दर्शाता है? आप जनता और मीडिया के भाई बंधु ही तय करें.
उनका यह बयान न सिर्फ विपक्ष पर राजनीतिक हमला है. बल्कि पार्टी के अंदर चल रही संभावित उठापटक की ओर भी इशारा करता है.
जयचंदों, की लिस्ट में और नाम भी जल्द होंगे उजागर: तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव ने आगे संकेत दिया कि यह तो सिर्फ शुरुआत है. उन्होंने साफ कहा कि,कोई भी जयचंद मेरी नजरों से बच नहीं सकता. धीरे-धीरे बाकी चेहरों का भी पर्दाफाश होगा.
यह बयान इशारा करता है कि पार्टी या महागठबंधन के भीतर कुछ ऐसे चेहरे हैं जो या तो गद्दारी कर रहे हैं या पार्टी लाइन से हटकर कोई चाल चल रहे हैं।
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क्या चुनावी माहौल में किसी बड़े राजनीतिक पलायन की तैयारी है?
तेज प्रताप का यह दावा ऐसे वक्त आया है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चूका है. ऐसे में किसी बड़े नेता के परिवार सहित पलायन की खबर, राज्य की राजनीति में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर सकता है.
उन्होंने आगे लिखा कि ,कोई भी जयचंद मेरी नजरों से बच नहीं सकता… धीरे-धीरे बाकी चेहरों का भी पर्दाफाश होगा.
इस तरह के शब्द तेज प्रताप की राजनीतिक शैली को दर्शाते हैं. जिसमें वे विरोधियों को प्रतीकों के ज़रिए निशाना बनाते हैं.
मीडिया को चेतावनी: अलर्ट मोड पर रहें, कहीं से भी हो सकती है भगोड़े की रवानगी
अपने पोस्ट में तेज प्रताप ने मीडिया से स्पष्ट अपील किया है कि वो सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि संबंधित शख्स किसी भी माध्यम से भाग सकता है – ट्रेन, बस या हवाई मार्ग है.
तेज प्रताप ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीर बताते हुए पत्रकारों से आग्रह किया कि वो इस घटना पर नजर रखें और जनता को सही जानकारी दें.
यह कदम न सिर्फ जनता को जागरूक करने के लिए है बल्कि मीडिया प्रेशर के ज़रिए उस व्यक्ति को बेनकाब करने की रणनीति भी हो सकती है.
तेज प्रताप की राजनीतिक शैली: प्रतीकों में संदेश, लेकिन सीधा निशाना
तेज प्रताप यादव अकसर अपने बयानों में परोक्ष और प्रतीकात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हैं. जयचंद, शब्द का उपयोग उन्होंने पहले भी उन नेताओं के लिए किया है जो पार्टी या परिवार से गद्दारी करने के आरोपी रहे हैं.
बिना नाम लिए हमला बोलना, लेकिन पूरी तरह से निशाना साधना – यही तेज प्रताप की राजनीतिक शैली रही है. इस बार भी उन्होंने उस शैली को बरकरार रखा है. लेकिन इस बार आरोप गंभीर हैं और वक्त बेहद संवेदनशील.
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में सियासी उबाल, क्या सामने आएगा कोई बड़ा नाम?
तेज प्रताप यादव का यह बयान एक ओर जहां चुनावी माहौल में सरगर्मी बढ़ा रहा है. वहीं दूसरी ओर संभावित राजनीतिक उथल-पुथल का संकेत भी दे रहा है.अब सभी की नजर इस बात पर है कि आखिर वो “जयचंद” कौन है, जो परिवार समेत बिहार छोड़ने की कोशिश कर रहा है.
क्या यह सिर्फ एक बयानबाज़ी है या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक धमाका छिपा है? इसका जवाब आने वाले कुछ घंटों या दिनों में मिल सकता है.
लेखक की कलम से
बिहार की राजनीति में जब-जब कोई बड़ा बदलाव होता है. तेज प्रताप यादव जैसे नेता अपनी शैली में संकेत देना शुरू कर देते हैं. इस बार संकेत बड़ा है – परिवार समेत भगोड़ा नेता! अब देखना ये होगा कि मीडिया किस हद तक इस दावे की पुष्टि कर पाती है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















