तेजस्वी यादव को जयचंदों से सावधान रहने की दी चेतावनी
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,19 अगस्त बिहार की सियासत एक बार फिर गर्माया हुआ है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने पार्टी के भीतर की गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में अप्रत्यक्ष रूप से तेजस्वी यादव को कटघरे में खड़ा किया है. और उन्हें चेतावनी दिया है कि अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो चुनाव में पार्टी को गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं.
तेज प्रताप यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लोकतंत्र को बचाने निकले हैं या उसे तहस-नहस करने के लिये, उनका यह बयान उस घटना के बाद आया है जिसमें नबीनगर से आरजेडी विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के ड्राइवर और एक पत्रकार के साथ कथित रूप से मारपीट और अभद्रता किया गया.
तेज प्रताप ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि,
जिस तरह से एक विधायक के ड्राइवर और एक पत्रकार के साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई, वह निंदनीय और शर्मनाक है. मैं इस घटना की घोर आलोचना करता हूं.
उन्होंने तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए लिखा कि,
अभी भी वक्त है, तेजस्वी,अपने आस-पास मौजूद जयचंदों को पहचानो और उनसे सतर्क हो जाओ. वरना आने वाले चुनावों में जनता तुम्हें आईना दिखा देगी “
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पार्टी में अंदरूनी घमासान?
तेज प्रताप यादव का यह बयान सिर्फ एक घटना पर नाराज़गी नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर बढ़ती खींचतान और मतभेदों की झलक भी है.यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव या पार्टी के अंदर के लोगों पर सवाल उठाया हों.इससे पहले भी वह कई बार अपने बयानों से पार्टी नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर चुका हैं.
क्या असर पड़ेगा आने वाले चुनाव पर?
तेज प्रताप के इस बयान ने न सिर्फ पार्टी के भीतर उथल-पुथल को उजागर किया है. बल्कि आगामी चुनावों में आरजेडी की रणनीति और एकता पर भी सवाल खड़े कर दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर आरजेडी समय रहते अंदरूनी मतभेद नहीं सुलझा पाया, तो विपक्ष इसका पूरा फायदा उठा सकता है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















