बिहार में महिलाओं के उत्थान का नया विजन और चुनावी रणनीति
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,26 सितम्बर 2025 – बिहार की राजनीति में महिला सशक्तिकरण अब सिर्फ सामाजिक मुद्दा नहीं रहा, बल्कि चुनावी रणनीति का एक अहम हिस्सा बन गया है.आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में आयोजित,महिला सशक्तिकरण संवाद – आधी आबादी की बात, के जरिए महिलाओं के लिए नए विजन की शुरुआत किया. इस संवाद ने न केवल महिलाओं की आवाज को मजबूती दिया, बल्कि राज्य की राजनीति में एक नया विमर्श भी खड़ा कर दिया है.

कार्यक्रम का माहौल और महत्व
पटना के वेटेनरी कॉलेज में 25 सितंबर को आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों महिलाएं शामिल हुईं. पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं उत्साह और आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही थीं. मंच से तेजस्वी यादव ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि,
“हर महिला मां दुर्गा का स्वरूप है, जो त्याग, साहस और समर्पण का प्रतीक है.बिहार का असली विकास तभी होगा जब महिलाएं निडर और आत्मनिर्भर बनेंगी.
इस संवाद के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा हुआ.माहौल इतना ऊर्जावान था कि महिलाओं ने हाथ उठाकर एनडीए सरकार के खिलाफ नारे लगाए और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में परिवर्तन की शपथ ली.

एनडीए सरकार पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर महिलाओं की प्रगति रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से बिहार की महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से वंचित हैं, और मौजूदा नीतियां उन्हें सशक्त करने के बजाय कमजोर बना रही हैं.
उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की महिला-केंद्रित योजनाओं को “चुनावी जुमला” बताते हुए कहा कि महिलाओं को वास्तविक अवसर और स्थायी समाधान चाहिए, सिर्फ चुनावी घोषणाएं नहीं.
महिलाओं के लिए प्रस्तावित योजनाएं
तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम में कई नई योजनाओं की घोषणा की, जिन्हें RJD अपने चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल कर सकती है.
- BETI योजना
- हर बेटी की शिक्षा और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी.
- रोजगार और आय सृजन की गारंटी दी जाएगी.
- MAA योजना
- हर मां को घर, अन्न और आमदनी की सुरक्षा मिलेगी.
- परिवारों की आर्थिक मजबूती पर विशेष ध्यान.
माई-बहन मान योजना
- हर महिला को 2,500 रुपये मासिक सहायता.
- महिला पेंशन योजना
- वृद्ध महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक पेंशन.
- इन योजनाओं का मकसद महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा देना है.
बिहार में महिलाओं की चुनौतियाँ
बिहार में महिलाओं की स्थिति अभी भी कई चुनौतियों से भरी हुई है.
महिला साक्षरता दर सिर्फ 50% है (राष्ट्रीय औसत 65% से कम).
बाल विवाह और घरेलू हिंसा की घटनाएं आम हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और मातृ मृत्यु दर चिंताजनक है.
महिला श्रम भागीदारी दर बेहद कम, जिससे आर्थिक निर्भरता बढ़ती है.
तेजस्वी यादव का यह संवाद इन समस्याओं को सीधे तौर पर संबोधित करता है.
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चुनावी रणनीति और महिला वोटरों का महत्व
बिहार चुनाव 2025 में महिला मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.हाल के सर्वेक्षण बताते हैं कि बिहार में महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से अधिक है. यही वजह है कि तेजस्वी यादव का यह अभियान RJD की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है.
एनडीए पहले से ही महिला रोजगार योजना और प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजनाओं के जरिए महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहा है.लेकिन तेजस्वी यादव अपने विजन और योजनाओं को ज़्यादा व्यावहारिक और स्थायी बताकर इस वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करना चाहते हैं.
निष्कर्ष: महिलाओं के सपनों का बिहार
तेजस्वी यादव का महिला सशक्तिकरण संवाद केवल चुनावी रैली नहीं, बल्कि महिलाओं के सपनों और संघर्षों का प्रतिनिधित्व है. उनकी BETI और MAA जैसी योजनाएँ महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा प्रदान करने का वादा करती हैं.
अगर RJD सत्ता में आती है, तो ये योजनाएँ बिहार की महिलाओं की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं.यह स्पष्ट है कि 2025 का चुनाव अब सिर्फ विकास बनाम पिछड़ापन का नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण बनाम उपेक्षा का भी चुनाव होगा.
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