बिहार को बदनाम कर रहे हैं, विकास गुजरात ले गए!
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,25 अक्टूबर 2025— बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है. आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला है.उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि मोदी जी का बिहार दौरे का भाषण नकारात्मक और निरर्थक था, जिसमें बिहार के विकास की कोई ठोस योजना नहीं थी.
तेजस्वी के मुताबिक, मोदी सरकार ने विकास की सारी योजनाएँ और निवेश गुजरात में केंद्रित कर रखे हैं, जबकि बिहार जैसे बड़े राज्य को जानबूझकर पीछे रखा गया है.उन्होंने सवाल उठाया है कि — 𝟏𝟏 साल से डबल इंजन की सरकार है, मोदी जी बताएं, बिहार को क्या दिया और गुजरात को क्या दिया?
मोदी सरकार पर तेजस्वी यादव के आरोप
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए है, जिनमें विकास की असमानता, राजनीतिक दोहरापन और बिहार की छवि को नुकसान पहुँचाने जैसी बातें शामिल हैं. आइए जानें उनके प्रमुख बिंदु को
मोदी के भाषण में नहीं थी कोई सार्थक बात
तेजस्वी का कहना है कि मोदी जी का भाषण पूरी तरह नकारात्मक टिप्पणियों से भरा हुआ था.
मोदी जी के भाषण में एक भी सकारात्मक, सार्थक या फलदायक वाक्य नहीं था.वो केवल बिहार को बदनाम करने आए थे.
उनके अनुसार, प्रधानमंत्री को बिहार की जनता से संवाद और समाधान की बात करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने केवल विपक्ष की आलोचना किये है.
विकास और निवेश गुजरात में केंद्रित
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मोदी और अमित शाह देश की सभी बड़ी परियोजनाएँ गुजरात में ले जाते हैं.
मोदी जी Gift City, Bullet Train, Semiconductor Factory, SEZs, Investors Meet — सब गुजरात में करवा रहे हैं. बिहार को सिर्फ वादे और भाषण मिलते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार जैसे बड़े और जनसंख्या वाले राज्य को भी समान अवसर मिलना चाहिये , लेकिन केंद्र सरकार ने हमेशा गुजरात को प्राथमिकता दिया है .
बिहार को वोट बैंक की तरह देखते हैं
तेजस्वी का आरोप है कि जब मोदी जी बिहार आते हैं, तो वे विकास की बात नहीं करते बल्कि सिर्फ चुनावी मुद्दे उठाते हैं.
बिहार में फैक्ट्री नहीं लगाते, लेकिन चुनाव के वक्त मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने की बात करते हैं. बिहारियों को ही बिहारियों से डराते हैं, लेकिन रोजगार और उद्योग पर चुप रहते हैं.
उनके मुताबिक, बिहार की जनता अब इन चालों’ को समझ चुकी है और सिर्फ नारे या जुमलों से प्रभावित नहीं होगी.
बिहार बनाम गुजरात: असमान विकास का सवाल
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि मोदी सरकार बिहार की तुलना में गुजरात को हर क्षेत्र में तरजीह देती है — चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, खेल हो या उद्योग.
बिहार के हिस्से का बजट और अवसर गुजरात ले जाया जा रहा है.११ साल से डबल इंजन कि सरकार है, लेकिन बिहार को क्या मिला? मोदी जी को इसका जवाब देना चाहिये.
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनसंख्या देश की रीढ़ है — हर दसवां भारतीय बिहारी है — फिर भी बिहार को समान अधिकार और सम्मान नहीं दिया जा रहा.
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राजनीतिक और सामाजिक असर
तेजस्वी यादव के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दिया है.आरजेडी समर्थक इसे साहसिक और सटीक हमला बता रहे हैं, जबकि एनडीए खेमे का कहना है कि यह बयान सिर्फ राजनीतिक हताशा का परिणाम है.
लेकिन इतना तो तय है कि इस ट्वीट ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि,
क्या देश का विकास संतुलित है?
क्या बिहार जैसे राज्यों को भी वैसा ही निवेश, औद्योगिक अवसर और इंफ्रास्ट्रक्चर मिला है जैसा गुजरात को मिला है ?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी यादव का यह बयान केवल मोदी विरोध नहीं है, बल्कि बिहार के क्षेत्रीय असंतुलन पर एक गहरा कटाक्ष है.
जनता की उम्मीदें और बिहार की दिशा
बिहार की जनता अब विकास की भाषा समझने लगी है.जातीय समीकरण और धार्मिक ध्रुवीकरण के बावजूद, युवा रोजगार, शिक्षा और उद्योग की मांग कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव का यह बयान इस भावना को मजबूती देता है कि बिहार अब समान अवसर और सम्मान चाहता है.
यदि आने वाले चुनावों में बिहार की जनता विकास को मुद्दा बनाए, तो यह राज्य की राजनीति का चेहरा बदल सकता है.
तेजस्वी यादव का यह ट्वीट केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं, बल्कि बिहार के स्वाभिमान की पुकार बन गया है,
बिहारियों को बदनाम नहीं, बराबरी चाहिए.भाषण नहीं, रोजगार चाहिये.
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव का हमला इस बात की याद दिलाता है कि बिहार अब केवल चुनावी गणित नहीं, बल्कि भारत के भविष्य का अहम केंद्र है.
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहेंगे, लेकिन सवाल वही रहेगा — क्या बिहार को उसका हक मिल रहा है?
जब तक इस प्रश्न का ठोस उत्तर नहीं मिलता, तब तक बिहार की जनता अपने नेताओं से जवाब मांगती रहेगी.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.


















