तेजस्वी का आरोप: मोदी-नीतीश की जोड़ी ने लूटा बिहार?

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kmSudha

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तेजस्वी का आरोप: मोदी-नीतीश की जोड़ी ने लूटा बिहार?

CAG रिपोर्ट में खुलासा,71,000 करोड़ की गड़बड़ी पर सियासी घमासान तेज!

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,30 जुलाई: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कैग (CAG) की रिपोर्ट से बिहार की राजनीति में सियासी हड़कंप मची है. बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया X पर वीडियो पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि दोनों नेताओं ने मिलकर बिहार के खजाने से ₹71,000 करोड़ की “लूट” की है!.

आपको या बता दे कि गुरुवार को जब यह रिपोर्ट राज्य विधानसभा में पेश की गई, तो विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला. रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2024 तक 49,649 उपयोगिता प्रमाणपत्र, जिनकी कुल राशि 70,877.61 करोड़ रुपये है, महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), बिहार को प्राप्त नहीं हुए हैं.

यह बयान उन्होंने हाल ही में जारी हुई CAG (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट के सामने आने के बाद दिया है जिसमें बिहार सरकार की वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है.

तेजस्वी यादव का X पोस्ट हुआ वायरल

तेजस्वी यादव ने आज अपने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि,

“CAG के बाद अब भी जनता कह रही है मोदी-नीतीश ने बिहार के खजाने के 71000 करोड़ लूट लिए! दोनों मौन क्यों है? सरकार आने पर पाई-पाई का हिसाब होगा”

उनके इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गया है.विपक्षी दलों और आम नागरिकों के बीच यह बहस छिड़ गया है कि क्या वाकई बिहार में इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता हुआ है?

CAG रिपोर्ट में क्या है खास?

हाल ही में आई कैग रिपोर्ट ने बिहार सरकार की वित्तीय व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया हैं. रिपोर्ट में सरकारी फंड के इस्तेमाल में पारदर्शिता की कमी और बजट प्रबंधन में खामियों की बात कहा गया है.

हालांकि रिपोर्ट में “लूट” जैसे किसी शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है.लेकिन तेजस्वी यादव ने इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए सीधे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा कर दिया है.

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क्या यह चुनावी रणनीति है?

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेजस्वी यादव का यह बयान केवल एक वित्तीय मुद्दा नहीं है.बल्कि एक सोची-समझी चुनावी रणनीति भी हो सकता है.2025 के अंत में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह मुद्दा विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है.

तेजस्वी ने संकेत दिया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है.तो इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और जनता को हर पैसे का हिसाब दिया जाएगा.

BJP और JDU अब तक चुप

तेजस्वी यादव के गंभीर आरोपों पर अब तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से पहले स्थिति का आंकलन कर रहा है.

जनता की प्रतिक्रिया

बिहार के आम नागरिकों के बीच इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गया है.कई लोगों ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव की बात का समर्थन किया है.जबकि कुछ ने इसे केवल राजनीतिक स्टंट बताया है.

निष्कर्ष

क्या वाकई बिहार के खजाने से 71,000 करोड़ की लूट हुई है या यह एक चुनावी शिगूफा है?
इस सवाल का जवाब तो जांच या सरकार की ओर से आने वाली प्रतिक्रिया से ही मिलेगा. लेकिन इतना तय है कि तेजस्वी यादव का यह बयान आने वाले समय में बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म देगा.

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