सब कुछ गुजरात गया!उद्योगों के पलायन पर तेजस्वी का तंज
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,18 जुलाई :बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनावों की आहट के बीच एक बार फिर उद्योग और रोजगार के मुद्दे पर सियासत गरमा गया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने बिहार की उपेक्षा किया है.खासकर राज्य की बंद पड़ी चीनी मिलों के पुनरुद्धार के मामले में.
तेजस्वी यादव ने अपने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि ,
प्रधानमंत्री जी वादानुसार बिहार में एक चीनी मिल तक नहीं खुलवा सकें.बाकी उद्योगों की तो अपेक्षा ही बेकार है. सब कुछ तो प्रधानमंत्री जी गुजरात ले गए, बिहार को तो सिर्फ़ जुमले देने आते हैं.
चीनी मिलें – बिहार की अर्थव्यवस्था का ढहता आधार
बिहार में एक दौर था जब दर्जनों चीनी मिलें किसानों और ग्रामीणों के लिए रोजगार का बड़ा स्रोत था. लेकिन आज के वर्तमान समय के साथ इन मिलों की स्थिति जर्जर होती चली गई. अब अधिकतर मिलें या तो पूरी तरह बंद हैंचूका है या बहुत कम उत्पादन पर चल रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई बार इनके पुनरुद्धार का वादा किया गया लेकिन ज़मीनी हकीकत में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है.
तेजस्वी यादव का यह बयान उस निराशा को दर्शाता है जो राज्य के ग्रामीण इलाकों में इन मिलों की दुर्दशा को लेकर व्याप्त है. उनका दावा है कि सरकार ने वादे तो बहुत किए लेकिन नतीजों के नाम पर बिहार को सिर्फ खोखले नारे और जुमले मिले.
आर्थिक मुद्दों पर सियासी दांव
तेजस्वी यादव लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते आये हैं. उनका कहना है कि इससे राज्य को अधिक निवेश और आर्थिक मदद मिल सकती है जिससे आधारभूत ढांचे और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिहार के संसाधनों की अनदेखी कर गुजरात और अन्य भाजपा-शासित राज्यों को प्राथमिकता दे रहा है.
2025 के विधानसभा चुनावों में बेरोजगारी, प्रवासी पलायन और औद्योगिक पिछड़ापन जैसे मुद्दे बड़े चुनावी मुद्दे बनने वाला है. ऐसे में तेजस्वी यादव का यह बयान एनडीए सरकार की नीतियों पर हमला करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
भाजपा की प्रतिक्रिया और आलोचना
हालांकि तेजस्वी के इस बयान के बाद भाजपा और उनके समर्थकों ने पलटवार करते हुए कहा है कि राजद के अपने शासनकाल में भी औद्योगिक विकास के नाम पर कुछ खास नहीं किया है.भाजपा नेताओं ने यह आरोप भी लगाया कि तेजस्वी यादव केवल बयानबाज़ी कर रहे हैं और विकास के लिए ठोस दृष्टिकोण नहीं रखते.
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सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
तेजस्वी यादव की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गया है. राजद समर्थकों ने इसे ‘जनता की आवाज’ बताते हुए समर्थन किया है जबकि विरोधियों ने याद दिलाया कि जब राजद सत्ता में थी.तब भी चीनी मिलों के पुनरुद्धार के नाम पर सिर्फ़ घोषणाएं हुई थीं.
चुनावी रणनीति और ग्रामीण वोट बैंक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी का यह बयान एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. जिसका उद्देश्य ग्रामीण मतदाताओं और किसानों को साधना है. बिहार में अब भी बड़ी आबादी कृषि और उससे जुड़े उद्योगों पर निर्भर है.और चीनी मिलें ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रही हैं.
निष्कर्ष:
बिहार की राजनीति में उद्योग और रोजगार का मुद्दा इस बार केंद्र में रहने वाला है. तेजस्वी यादव की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया गया यह आरोप न सिर्फ़ चुनावी हमलों की शुरुआत है. बल्कि आने वाले समय में विकास बनाम उपेक्षा की बहस को और तेज करने वाला कदम है.
जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आते जाएंगे यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस आलोचना का क्या जवाब देती है और राजद इसे किस हद तक एक बड़े चुनावी मुद्दे में तब्दील कर पाती है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















