कहा, यह चुनाव सिर्फ बिहार नहीं, भारत के भविष्य की दिशा तय करेगा
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 23 अक्टूबर 2025 —दीघा विधानसभा सीट से महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार दिव्या गौतम के समर्थन में आज पटना के डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन में एक विशेष नागरिक संवाद का आयोजन हुआ. इस संवाद में देश के जाने-माने बुद्धिजीवी और महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी, किसान आंदोलन के वरिष्ठ नेता डॉ. सुनीलम, शिक्षाविद शाहिद कमाल, एमएलसी शशि यादव, और स्वयं प्रत्याशी दिव्या गौतम शामिल रहीं.
इस कार्यक्रम का आयोजन AIPF (ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट) द्वारा किया गया, जबकि संचालन कमलेश शर्मा ने किया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता सरफराज और पंकज श्वेताभ ने किया है . इस मौके पर शहर के अनेक बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र नेता और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
बिहार के गांवों में विकास के दावे झूठे साबित हुए हैं— तुषार गांधी
तुषार गांधी ने नागरिक संवाद के दौरान कहा कि उन्होंने बिहार के कई गांवों का दौरा किया है और वहां की वास्तविक स्थिति ने उन्हें झकझोर दिया है .
उन्होंने कहा,
विकास के पोस्टर जरूर चमकते हैं, लेकिन गांवों में सच्चाई कुछ और है. न बिजली है, न सड़कें हैं. कोसी क्षेत्र में बाढ़ के कारण लोग बार-बार अपना ठिकाना बदलने को मजबूर हैं.बच्चों को रोजाना स्कूल पहुँचने के लिए 4-4 घंटे पैदल चलना पड़ता है.यह कैसा विकास है जिस पर नेताओं को गर्व है?
उन्होंने आगे कहा कि यह चुनाव सिर्फ बिहार का चुनाव नहीं बल्कि भारत की दिशा तय करने वाला चुनाव है.
यह चुनाव तय करेगा कि देश महात्मा गांधी की राह पर चलेगा या नफरत और विभाजन की राह पर. दिव्या गौतम का टिकट एक संदेश है, कि आम लोगों की बेटियां भी अब राजनीति में परिवर्तन का प्रतीक बन रही हैं.दिव्या को जिताना केवल राजनीतिक जीत नहीं होगी, बल्कि यह लोकतंत्र के पुनर्जागरण की शुरुआत होगी.
निर्वाचन आयोग अपने कर्तव्यों से विमुख हो चुका है — तुषार गांधी का आरोप
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता घटती जा रही है.
हमने देखा है कि चुनावों में धांधली और नियंत्रण के संकेत बढ़ रहे हैं.कॉलेजों में जो छात्र अपनी आवाज उठाते हैं, उन पर मुकदमे किए जा रहे हैं.TISS, JNU और Xavier’s जैसे संस्थानों में अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबाया जा रहा है.बिहार अब उस विरोध की आवाज बनकर उभर रहा है जो केंद्र और राज्य की अन्यायपूर्ण नीतियों का विरोध करता है.
उन्होंने अपील किया है कि आने वाले दिनों में हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए और दिव्या गौतम को विजयी बनाए.
क्रांति यहीं से शुरू होती है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि बेघर की बेटी को जीत दिलाएं.
मैं उन सबकी आवाज बनकर आई हूं जिन्हें वर्षों से दबाया गया है — दिव्या गौतम
महागठबंधन प्रत्याशी दिव्या गौतम ने अपने भाषण में जनता से सीधा संवाद किया. उन्होंने कहा कि ,
मैं उन लोगों की आवाज बनकर इस चुनाव में उतरी हूं जो बिना किसी सुनवाई के सालों से जेलों में बंद हैं. मैं उन महिलाओं की आवाज हूं जो कर्ज और अन्याय के बोझ तले आत्महत्या करने को मजबूर हैं. मैं उन युवाओं की आवाज हूं जिन्हें रोजगार मांगने पर सड़कों पर लाठियाँ खानी पड़ती हैं.
दिव्या गौतम ने कहा कि बिहार के शिक्षा तंत्र को ध्वस्त किया जा चुका है और शिक्षक, संविदाकर्मी, कर्मचारी सब दमन के शिकार हैं.
मैं बेहतर शिक्षा, रोजगार और समान अवसर की उम्मीद लेकर आपके बीच आई हूं.हिंसा फैलाने वाली और युवा-विरोधी सरकार को हमें मिलकर जवाब देना होगा.
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पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों पर बढ़ रहे हैं हमले — डॉ. सुनीलम
किसान आंदोलन के वरिष्ठ नेता डॉ. सुनीलम ने इस अवसर पर कहा कि आज के समय में लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला विचार और संवाद पर है.
अब पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों पर लगातार दमन हो रहा है. जो बोलता है, सवाल करता है, उसे जेल भेजा जाता है या डराया जाता है. ऐसे दौर में बिहार का यह चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों की परीक्षा है.
उन्होंने कहा कि जनता को नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर मतदान करना होगा.
यह चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, जनता के आत्मसम्मान का प्रश्न है. जब नागरिक उठ खड़े होंगे, तभी लोकतंत्र बचेगा.
गोदी मीडिया और झूठे नैरेटिव के खिलाफ नागरिकों को आगे आना होगा
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आज मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता का प्रचार तंत्र बन चुका है.सच्चाई को छिपाया जा रहा है और फर्जी नैरेटिव बनाए जा रहे हैं.
जो मीडिया जनता की आवाज बननी चाहिए थी, वह अब सत्ता का प्रवक्ता बन गया है. ऐसे माहौल में नागरिकों का सच बोलना ही असली पत्रकारिता है.
नागरिक एकजुटता का संदेश
कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने एकस्वर में कहा कि यह चुनाव सिर्फ एक प्रत्याशी का नहीं बल्कि विचारों का चुनाव है — गांधी, आंबेडकर और भगत सिंह की विचारधारा बनाम नफरत, दमन और झूठ की विचारधारा.
उन्होंने अपील की कि दीघा की जनता दिव्या गौतम को जिताकर एक नया इतिहास लिखे.

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