भाजपा ने उठाया सवाल: जन सुराज के अध्यक्ष उदय सिंह ने क्यों किया उम्र में घोटाला?
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 30 सितंबर 2025 – बिहार भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने आज प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को घेरते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह उर्फ पप्पू पर गंभीर आरोप लगाया हैं. दानिश इकबाल ने उदय सिंह को “सबसे बड़ा उम्र चोर” बताते हुए चुनाव आयोग में दिए गए उनके एफिडेविट में उम्र में भारी अंतर को उजागर किया.
दानिश इकबाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस तरह प्रशांत किशोर भाजपा नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाते रहे, उसी प्रकार उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के खिलाफ सवाल उठाने की जरूरत है.उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग में दिए गए एफिडेविट के अनुसार उदय सिंह की उम्र 2004 में 44 वर्ष थी, जबकि 2009 में 57 वर्ष दिखाई गई.इसका मतलब है कि मात्र 5 साल में उनकी उम्र 13 साल बढ़ गई, जो किसी भी सामान्य गणित और नियम के अनुसार असंभव है.
आयोग में दिए गए दस्तावेजों पर उठाए सवाल
दानिश इकबाल ने कहा कि प्रशांत किशोर को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को आयु बदलने की जरूरत क्यों पड़ी. साथ ही, उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या यह किसी बड़े कांड को छिपाने की कोशिश थी.उन्होंने कहा, ऐसा बड़ा उम्र घोटाला करने वाले लोगों को चुनाव आयोग द्वारा तत्काल सख्त कार्रवाई करनी चाहिये और दोषी पाए जाने पर जेल भेजा जाना चाहिये .
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि पूरे जन सुराज पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है.दानिश इकबाल ने जोर देकर कहा कि इन लोगों का चेहरा अब बिहार की जनता के सामने बेनकाब हो चुका है और आने वाले चुनावों में जनता खुद हिसाब लेगी.
भाजपा की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि यह मामला पार्टी की नैतिकता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी जालसाजों का अड्डा बन चुकी है और अब बिहार की जनता को सच का पता चल चुका है.
दानिश इकबाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ शब्दों में कहा है कि, ऐसे लोग जिनकी उम्र तक में जालसाजी हो, वे जनता की सेवा कैसे कर सकते हैं? ऐसे लोगों को राजनीतिक और कानूनी स्तर पर जवाबदेह बनाना जरूरी है.उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में बिहार की जनता इन जालसाजों का खुद हिसाब लेगी.
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उदय सिंह पर आरोपों का विश्लेषण
विशेषज्ञों का मानना है कि उम्र में इस प्रकार का अंतर एक राजनीतिक खेल का हिस्सा हो सकता है. लेकिन चुनावी प्रक्रिया और एफिडेविट में झूठी जानकारी देना कानूनन अपराध है.चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी उम्मीदवार द्वारा गलत जानकारी देना गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए सजा का प्रावधान भी है.
दानिश इकबाल ने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि उदय सिंह के एफिडेविट की गहन जांच करे और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए. उनका कहना था कि जनता को ऐसे नेताओं से सतर्क रहना चाहिए जो अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए नियमों का उल्लंघन करते हैं.
निष्कर्ष
भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने स्पष्ट किया कि जन सुराज और उसके अध्यक्ष उदय सिंह पर लगे ये आरोप गंभीर हैं और चुनाव आयोग तथा जनता की नजर अब इस पर बनी रहेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता इन जालसाजों का असली चेहरा जान चुकी है और आने वाले चुनाव में इनके खिलाफ निर्णायक कदम उठाएगी.
उदय सिंह और जन सुराज पार्टी के खिलाफ ये आरोप न केवल राजनीतिक विवाद का कारण बनेंगे, बल्कि आगामी चुनावी रणनीतियों पर भी गहरा असर डाल सकते हैं. बिहार की राजनीति में इस मामले की गूंज आने वाले महीनों तक सुनाई देगी.

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