आंबेडकर जयंती 2025: बाबासाहेब की विरासत और प्रेरणा

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kmSudha

तीसरा पक्ष आलेखभारत

आंबेडकर जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है ?

तीसरा पक्ष डेस्क :हर साल 14 अप्रैल को भारत में ही नहीं बल्कि देश से बहार भी आंबेडकर जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह दिन भारत के संविधान निर्माता, सामाजिक सुधारक और दलित आंदोलन के प्रणेता डॉ. भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस को समर्पित है। 2025 में उनकी 134वीं जयंती मनाई जाएगी, जो सामाजिक समानता और न्याय के लिए उनके योगदान को याद करने का अवसर है। इस लेख में हम आंबेडकर जयंती के महत्व, उत्सव और बाबासाहेब की शिक्षाओं पर प्रकाश डालेंगे, जो आप सभी के लिए प्रेरणा का काम करेगी।

आंबेडकर जयंती 2025: उत्सव और आयोजन

आंबेडकर जयंती पर भारत भर में विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। 2025 में भी इस दिन को विशेष रूप से मनाने की तैयारी होगी। कुछ प्रमुख गतिविधियाँ शामिल हैं:

  • रैलियाँ और जुलूस: देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और कर्नाटक सहित पुरे देश में, लोग बाबासाहेब की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करते हैं और जुलूस निकालते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में नाटक, भाषण और गीतों के माध्यम से आंबेडकर के जीवन को दर्शाया जाता है।
  • सेमिनार और वेबिनार: सामाजिक संगठन और विश्वविद्यालय बाबासाहेब के विचारों पर चर्चा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन सेमिनार आयोजित करते हैं।
  • सामाजिक जागरूकता अभियान: दलित अधिकारों और समानता के लिए जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर #AmbedkarJayanti और #BabaSaheb ट्रेंड करते हैं।

बाबासाहेब की शिक्षाएँ और प्रासंगिकता

डॉ. आंबेडकर का मानना था कि शिक्षा, संगठन और संघर्ष ही सामाजिक बदलाव का आधार हैं। उनकी कुछ प्रमुख शिक्षाएँ जो आज भी प्रासंगिक हैं:

  • शिक्षा का महत्व: उन्होंने शिक्षा को आत्म-सम्मान और प्रगति का साधन माना।
  • समानता की लड़ाई: आंबेडकर ने संविधान के माध्यम से सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए, जो आज भी देश का आधार है।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण: उन्होंने हिंदू कोड बिल के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों की वकालत की।
  • बौद्ध धर्म की ओर कदम: 1956 में बौद्ध धर्म अपनाकर उन्होंने समानता और करुणा का संदेश दिया।

आंबेडकर जयंती का सामाजिक प्रभाव

आंबेडकर जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जातिगत भेदभाव और असमानता के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। 2025 में आंबेडकर जयंती पर हमें उनके विचारों को अपनाकर एक समावेशी समाज की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

बाबा साहेब की जयंती पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !

आंबेडकर जयंती 2025 हमें बाबासाहेब के सपनों को साकार करने की प्रेरणा देती है। यह दिन न केवल उनके योगदान को याद करने का है, बल्कि उनके विचारों को जीवन में अपनाने का भी है। आइए, इस अवसर पर समानता, शिक्षा और न्याय के लिए एकजुट हों।

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