आइसा (AISA) ने भाजपा सरकार पर नई शिक्षा नीति 2020 द्वारा शिक्षा का भगवाकरण और मनुवादी व्यवस्था थोपने का लगाया आरोप
तीसरा पक्ष ब्यूरो,पटना : आइसा (AISA) द्वारा 11 अप्रैल 2025 को पटना कॉलेज के भाषा भवन में महान समाज सुधारक और क्रांतिकारी ज्योतिराव फुले को याद किया गया. इस अवसर पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया इस परिचर्चा का विषय रहा ज्योतिराव फुले का शिक्षाशास्त्र और भेदभावपूर्ण, आरक्षण विरोधी एवं कॉर्पोरेट परस्त नई शिक्षा नीति 2020′ जिसका संचालन आइसा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य प्रियदर्शी आकाश राव ने किया.
आइसा के राज्य सह सचिव आशीष साह ने कहा की महंगी शिक्षा और आरक्षण को खत्म करना यह दर्शता है कि सरकार एक बड़े तबके को कैंपसों से वंचित करना चाहती है आइसा ने सरकार के शिक्षा नीतियों सवाल उठाया और कहा कि कैंपसों में बेहतसा फ़ीस वृद्धि सरकार के आरक्षण विरोधी नीतियों का यह परिणाम हैं.
पटना कॉलेज काउंसिल के मेंबर अदिति सिंह ने कहा की ज्योतिबा फुले मनुवादी व्यवस्था से लड़ने के लिए महिलाओं एवं वंचितों के लिए एक प्रेरणाश्रोत हैं.सरकारी शिक्षा पर हो रहे हमले के खिलाफ छात्र को एकजुट होना होगा .
आइसा नेता विश्वजीत में कहा कि आज के इस दौर में समाज सुधारक ज्योतिराव फुले को याद करना और भी प्रासंगिक हो जाता है जब पूरे देश में नई शिक्षा नीति 2020 के नाम से एक ऐसी व्यवस्था लागू किया जा रहा है जिससे शिक्षा का भगवाकरण कर और मनुवादी व्यवस्था को शिक्षा के क्षेत्र में लागू किया जा रहा है, जिसके कारण सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित तबके के लोग शिक्षा से और दूर होते जा रहे है .
इस परिचर्चा में निभा, ऋषि कुमार, नीतीश कुमार, रविकांत, सिद्धार्थ, आर्यन सहित दर्जनों छात्र मौजूद रहें.

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