मुजफ्फरपुर: के दलित टोले में नंगे बिजली तारों के टकराने से भीषण आग, भारी तबाही

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kmSudha

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माले जांच दल का घटनास्थल दौरा, आग लगने के लिए सरकार और प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार

मृतकों के परिजनों के लिए विशेष राहत पैकेज और जले घरों के लिए 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग

तीसरा पक्ष ब्यूरो : मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड अंतर्गत बरियारपुर थाना क्षेत्र के रामपुरमणि गांव के दलित टोले में बुधवार सुबह हुई भीषण आग की घटना को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया गया है. यह हादसा पूरी तरह से रोका जा सकता था, यदि सरकार और बिजली विभाग ने समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाई होती. यह बातें पोलित ब्यूरो सदस्य और ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव का. मीना तिवारी ने 17अप्रैल को घटनास्थल का दौरा करने के बाद बताया. यह घटना 16 अप्रेल 2025 बुधबार की है .

आज का. मीना तिवारी के नेतृत्व में एक नौ सदस्यीय दल ने रामपुरमणि गांव के दलित टोले में आग की घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया. इस दल में भाकपा-माले राज्य कमिटी सदस्य जितेंद्र यादव, सूरज कुमार सिंह, सकरा प्रखंड सचिव राजेश रंजन, किसान नेता प्रेमलाल यादव, जिला कमिटी सदस्य फहद जमां, आरवाईए जिला अध्यक्ष विवेक कुमार और आइसा के छात्र नेता दीपक कुमार भी शामिल थे.

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पीड़ित परिवारों ने जांच टीम को आपबीती सुनाई

पीड़ितों ने जांच टीम को बताया कि दलित टोले में बिजली के नंगे तार खुले में लटक रहे थे. बुधवार सुबह तेज हवाओं के कारण तार आपस में टकराए, जिससे शॉर्ट सर्किट और तेज स्पार्क हुआ. इससे निकली चिंगारी ने देखते ही देखते पूरे टोले को आग की लपटों में घेर लिया. इस भीषण हादसे में चार मासूम बच्चों सहित कई जानवरों की दर्दनाक मौत हो गई, और लगभग 70 परिवारों के घर व आवश्यक सामान जलकर राख हो गए.

यह अत्यंत दुखद है कि सरकार एक ओर स्मार्ट मीटर के नाम पर गरीबों से जबरन धन वसूल रही है, वहीं दूसरी ओर बिजली के ढके तार और मजबूत खंभों जैसे बुनियादी सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रही है. पीड़ितों ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण के लिए अब तक पूर्ण लाभ नहीं मिला है. यदि पक्के मकान उपलब्ध होते, तो शायद इस भयानक त्रासदी को टाला जा सकता था.

भाकपा-माले जांच दल सरकार से निम्नलिखित मांगों को तत्काल लागू करने की मांग करता है:

  1. मृतक बच्चों के परिवारों को तुरंत विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जाए.
  2. प्रत्येक आग से प्रभावित परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.
  3. प्रभावित परिवारों को तत्काल भोजन, पानी, कपड़े और आवास सहायता उपलब्ध कराई जाए.
  4. गांव में तुरंत चिकित्सा शिविर स्थापित किया जाए.
  5. सभी प्रखंडों में कम से कम 2-3 अग्निशमन वाहनों की स्थायी व्यवस्था की जाए.

पूरे राज्य में नंगे बिजली तारों को हटाकर ढके हुए केबल तार लगाए जाएं और लटकते तारों की तत्काल मरम्मत की जाए.

यदि सरकार समय रहते ढांचागत सुधार नहीं करती, तो भविष्य में ऐसी त्रासदियां और बड़े पैमाने पर हो सकती हैं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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