शराब से भाजपा – जदयू का बहुत पुराना रिश्ता : कभी शराब की दूकानें खोलकर तो कभी शराबबंदी के नाम पर
तीसरा पक्ष ब्यूरो :आज 13 अप्रैल 2025 को राजद के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने शराबबंदी पर तेजस्वी के सवालों से बौखलाए BJP-JDU, को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि जदयू और भाजपा का शराब कारोबार से बहुत पुराना रिश्ता और कमाई का जरिया रहा है. इन दोनों दलों की कमाई कभी राज्य में शराब प्रोत्साहन नीति के माध्यम से होता था तो अब शराबबंदी के आड़ में काले धंधे के माध्यम से हो रहा है.
राजद के प्रवक्ता ने आगे कहा की 21 सितम्बर 2012 को माननीय पटना उच्च न्यायालय की टिप्पणी ” शराब का दूकान खोलने में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है” उसको याद दिलाते हुए कहा है कि 2010 में एनडीए की सरकार दोबारा बनने पर राज्य में धड़ल्ले से शराब की दूकानें खोली गईं थीं. बिहार इस देश का एकमात्र राज्य था जहां हाईवे एवं एन एच पर मदिरालय (बार) खोलने पर सरकार द्वारा 40 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई थी. 2005 के पहले जब बिहार में राजद की सरकार थी तो पुरे राज्य में केवल 900 शराब के दूकानें थीं वहीं 2012 में एनडीए सरकार के समय बिहार में शराब की दूकानों की संख्या बढ़कर 14000 हो गया था. शराब के दूकानें खोलकर और खोलवाकर भाजपा जदयू नेताओं के कमाई का जरिया बन गया था.
राजद प्रवक्ता ने भाजपा जदयू नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि सरकार द्वारा पुरे बिहार को शराबी बनाने वाली नीति के विरोध में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में युवा राजद द्वारा ‘मदिरालय नहीं पुस्तकालय चाहिए ‘ ‘शराब नहीं किताब चाहिए ‘ का अभियान चलाया था.और जब जदयू एनडीए से बाहर आकर राजद के साथ गठबंधन कर के सरकार बनाया तो राज्य में शराबबंदी लागू किया गया था. जिसके कारण भाजपा जदयू नेताओं के शराब से आमदनी होना बंद हो गया था .जदयू का महागठबंधन से बाहर आने का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था.
आगे कहा की फीर जब एनडीए की सरकार बना तो भाजपा जदयू के नेताओं द्वारा शराबबंदी के आड़ में शराब का काला कारोबार शुरू कर दिया गया है.जिस पर न्यायालय द्वारा तल्ख टिप्पणी भी किया गया की “पुलिस के संरक्षण में शराब का अवैध कारोबार हो रहा है.

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