संयुक्त बैठक में आगे की रणनीति तय
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,3 जुलाई 2025 को भाकपा(माले) द्वारा एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक आयोजित की गई जिसमें जिला सचिवों, संयोजकों, केंद्रीय कमिटी सदस्यों एवं पार्टी के सांसद-विधायकों ने हिस्सा लिया.यह बैठक मुख्य रूप से दिल्ली में चुनाव आयोग से इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल की हुई मुलाकात और “मताधिकार बचाओ – लोकतंत्र बचाओ” अभियान के आगे की रणनीति पर केंद्रित रही. पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने बैठक को संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया.
चुनाव आयोग के रवैये पर चिंता
बैठक में यह साफ कहा गया कि चुनाव आयोग ने इंडिया गठबंधन के प्रति असहयोगपूर्ण और अड़ियल रुख अपनाया है.ऐसे में आंदोलनात्मक पहल को और तेज करने की आवश्यकता है। इसी क्रम में इंडिया गठबंधन के कई आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा की गई.
4 जुलाई: इंडिया गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात
8 जुलाई (संभावित): राजभवन मार्च की योजना.
9 जुलाई: अखिल भारतीय हड़ताल में वोटबंदी के खिलाफ मुखर आवाज उठाई जाएगी.
हड़ताल के बाद: बिहार बंद या वेटनरी कॉलेज मैदान, पटना में “मताधिकार बचाओ रैली/सम्मेलन” आयोजित किया जा सकता है (तारीख और स्वरूप अभी तय नहीं.
संगठनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा
बैठक में राज्य स्तर पर जनांदोलन की विस्तृत कार्ययोजना तय की गई:
5 जुलाई: राज्य भर के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर लोकतंत्र की रक्षा और वोटबंदी के खिलाफ जन मार्च
7-8 जुलाई: प्रत्येक प्रखंड में जीप प्रचार यात्रा निकाली जाएगी, जिसके अंतर्गत चट्टी-बाजारों पर नुक्कड़ सभाएं और प्रमुख गांवों में ग्राम सभाएं की जाएंगी.
9 जुलाई से पहले: गांव-गांव प्रभात फेरी निकालकर वोटबंदी के खिलाफ जनजागरूकता फैलाई जाएगी.
9 जुलाई की हड़ताल: चाइनीज पोस्टर, तख्ती व अन्य रचनात्मक माध्यमों से बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराया जाएगा.
अभियान सतत जारी रहेगा
पार्टी ने स्पष्ट किया कि “मताधिकार बचाओ – लोकतंत्र बचाओ” अभियान मात्र एक अस्थायी आंदोलन नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालीन जनसंघर्ष है. साथ ही मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) को सक्रिय करने पर बल दिया गया.
चुनाव आयोग के सर्कुलर के अनुसार, हर बीएलए को प्रतिदिन कम-से-कम 50 फॉर्म भरकर बीएलओ को सौंपने का निर्देश है. फॉर्म स्वयं डाउनलोड कर भरे जा सकते हैं और ऑनलाइन भी जमा किए जा सकते हैं. सभी बूथों पर बीएलए की बहाली को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है ताकि मतदाता सूची में व्यापक सुधार सुनिश्चित किया जा सके.
निष्कर्ष
भाकपा(माले) ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह लोकतंत्र और मताधिकार की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी.पार्टी का उद्देश्य है कि हर नागरिक को अपने वोट के अधिकार से वंचित होने से रोका जाए और चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी और समावेशी बनाया जाए.

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