लोकतंत्र की असली ताकत – आपका वोट, आपकी आवाज!
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,17 अगस्त :जब आम जनता से उनके मताधिकार को छीनने की कोशिश हो जब लोकतंत्र की जड़ें हिलाई जाएँ तब चुप रहना भी अन्याय को बढ़ावा देना होता है. ऐसे समय में ज़रूरत है एक सशक्त आवाज़ की, जो जन-जन के हक़ की लड़ाई को नेतृत्व दे.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जनता के सच्चे प्रतिनिधि तेजस्वी यादव जी इसी आवाज़ को बुलंद करते हुए 17 अगस्त से शुरू कर रहे हैं – वोटर अधिकार यात्रा, एक जन आंदोलन, जो हर नागरिक को उसके मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक करेगा और लोकतंत्र को मजबूती देगा.
आइये, अब इस यात्रा के उद्देश्य और इसके महत्व को विस्तार से समझते हैं…
तेजस्वी यादव ने कहा है कि आज के समय में लोकतंत्र की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि आम लोगों से उनका मतदान का अधिकार छीना जा रहा है. ऐसे माहौल में वे जनता को आश्वस्त करते हैं कि वे वोट के अधिकार की रक्षा के लिए पूरी ताक़त से लड़ाई लड़ेंगे.
इसी मकसद से वे 17 अगस्त से “वोटर अधिकार यात्रा” शुरू कर रहे हैं.ताकि जनता की आवाज़ को और अधिक मज़बूती के साथ उठाया जा सके.
जब लोकतंत्र की बुनियाद डगमगाने लगे, तब चुप रहना अपराध होता है
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जब जनता के वोट देने के अधिकार पर ही आघात होने लगे. तो यह न केवल संविधान के मूल भाव पर चोट है. बल्कि आम आदमी की आवाज़ को दबाने की एक साज़िश भी है.तेजस्वी यादव ने इसी खतरे को पहचानते हुए एक नई मुहिम की शुरुआत किया है — वोटर अधिकार यात्रा, जो 17 अगस्त से आरंभ होने जा रहा है.
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तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए एक गंभीर चिंता जताई कि देश में आज लोगों से उनकी सरकार चुनने की आज़ादी छीना जा रहा है.उन्होंने आश्वस्त किया कि वह इस लड़ाई को पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं. बल्कि हर नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की एक मुहिम है.
वोटर अधिकार यात्रा: क्या है इसका उद्देश्य?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है
- देशभर में वोट देने के अधिकार को लेकर जनजागरण फैलाना
- जिन इलाकों में मतदाता दबाव, भय या बाधा के कारण वोट नहीं डाल पाते है वहाँ लोकतांत्रिक चेतना जगाना
- चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग को ज़ोर देना है.
- युवाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है.
राजनीति से ऊपर उठकर – एक जनआंदोलन की शुरुआत
तेजस्वी यादव ने इस यात्रा को सिर्फ एक राजनीतिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक “जनांदोलन” बताया है. वे इसे जनता के मौलिक अधिकारों की लड़ाई मानते हैं.यह यात्रा विपक्ष को एकजुट करने का माध्यम भी बन सकता है और लोकतंत्र को लेकर नए विमर्श को जन्म दे सकता है.
17 अगस्त से शुरू होगी यात्रा – जन-जन से जुड़ने का संकल्प
यह यात्रा 17 अगस्त से शुरू होकर राज्य के विभिन्न जिलों और गाँवों से गुज़रेगा . हर जगह आम लोगों से संवाद होगा, रैली, और जनसभाओं के ज़रिए उन्हें यह अहसास दिलाया जाएगा कि उनका वोट सिर्फ एक बटन नहीं, बल्कि उनका भविष्य है.
तेजस्वी यादव कें इस पहल से यह साफ है कि अब लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई ज़मीन पर लड़ा जायेगा.और यह लड़ाई सिर्फ एक नेता की नहीं है बल्कि हर जागरूक नागरिक का भी है.
निष्कर्ष
वोटर अधिकार यात्रा, लोकतंत्र की उस आवाज़ को बुलंद करने की शुरुआत है. जिसे दबाने की कोशिश किया जा रहा है .तेजस्वी यादव का यह कदम सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोकतांत्रिक चेतना को एक नई दिशा दे सकता है.अब देखना यह होगा कि इस यात्रा को जनता का कितना साथ और समर्थन मिलता है.

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