तेज प्रताप यादव का बड़ा आरोप:मेरे खिलाफ रचा गया था पांच परिवारों का गहरा षड्यंत्र!

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Ajit Kumar

बिहार
तेज प्रताप यादव का बड़ा आरोप:मेरे खिलाफ रचा गया था पांच परिवारों का गहरा षड्यंत्र!

दस साल की मेहनत को मिटाने की कोशिश की गई!

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 22 अगस्त 2025— बिहार की राजनीति एक बार फिर तूफान के मुहाने पर खड़ा है.राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजतर्रार और अक्सर सुर्खियों में रहने वाले नेता तेज प्रताप यादव ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने ना सिर्फ सियासी गलियारों में हलचल मचा दिया है,बल्कि अपने ही दल के भीतर कई सवाल खड़े कर दिया है.

दस साल की मेहनत को मिटाने की कोशिश की गई!

सोशल मीडिया पर अपने ऑफिशियल X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से तेज प्रताप ने खुलासा किया कि पांच प्रभावशाली परिवारों ने मिलकर उनके राजनीतिक और पारिवारिक जीवन को बर्बाद करने की साजिश रची है.उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे — बल्कि वह इन चेहरों को जनता के सामने लाकर उनका असली चरित्र उजागर करेंगे.

तेज प्रताप का यह एलान सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि आने वाले राजनीतिक तूफान का संकेत है.

तो आइये, अब विस्तार से जानते हैं कि तेज प्रताप यादव ने आखिर क्या कहा, इसका क्या मतलब है और इससे बिहार की राजनीति में क्या बदलाव आ सकते हैं…

एक बार फिर बिहार की राजनीति में तूफान के आसार बनते नजर आ रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि उनके राजनीतिक और पारिवारिक जीवन को तबाह करने के लिए पांच परिवारों ने मिलकर गहरी साजिश रची थी.आइए, इस पूरे मामले को पांच अहम पहलुओं में गहराई से समझते हैं

मेरे खिलाफ पांच परिवारों ने मिलकर की साजिश — तेज प्रताप यादव का सनसनीखेज आरोप

तेज प्रताप यादव ने 21 अगस्त की रात अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से एक तीखा पोस्ट किया था. उन्होंने बिना नाम लिए पांच ऐसे परिवारों की ओर इशारा किया जिनपर उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया है.उनका कहना है कि,

मेरे राजनीतिक और पारिवारिक जीवन को पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास किया गया है. इन पांच परिवारों ने मिलकर एक बृहद षड्यंत्र रचा.

तेज प्रताप का यह बयान न सिर्फ व्यक्तिगत चोट को उजागर करता है. बल्कि यह भी दिखाता है कि पार्टी या राजनीतिक समीकरणों के भीतर कुछ गंभीर अंतर्विरोध चल रहा हैं.

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क्या RJD में ही भीतरघात चल रहा है?

तेज प्रताप का इशारा किन पर है. इस पर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा चल रही है. कई विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला सीधे तौर पर पार्टी के अंदरूनी खेमों पर है. खासकर जब पार्टी के अंदर तेजस्वी यादव को लेकर रणनीतिक स्तर पर बढ़ती सक्रियता दिख रही है. तो तेज प्रताप की नाराजगी खुलकर सामने आई है.

कई लोग इसे सियासी भीतरघात का नाम दे रहे हैं. यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या तेज प्रताप यादव को जानबूझकर साइडलाइन किया जा रहा है?

मैं कल करूंगा बड़ा खुलासा – तेज प्रताप का जनता से वादा

तेज प्रताप ने न सिर्फ आरोप लगाये हैं. बल्कि यह भी ऐलान कर दिया है कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे. तेज प्रताप ने ऐलान किया है कि (संभावित 22 या 23 अगस्त को) वे उन पांच परिवारों का चेहरा और असली चरित्र जनता के सामने बेनकाब करेंगे.

कल मैं इन सभी चेहरों से पर्दा हटाऊंगा और उनके रचे हर षड्यंत्र की सच्चाई जनता के सामने लाऊंगा.

यह बयान आगामी दिनों में बिहार की राजनीति में नया भूचाल ला सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर तेज प्रताप ने वाकई नाम उजागर किए तो इससे राजद और अन्य विपक्षी दलों में हलचल तेज हो सकता है.

तेज प्रताप का दर्द: मैंने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया

तेज प्रताप यादव ने अपने पोस्ट में अपने अब तक के राजनीतिक सफर का भी ज़िक्र किया है. उन्होंने लिखा कि पिछले दस वर्षों में उन्होंने कभी किसी के साथ गलत नहीं किया न ही किसी के खिलाफ षड्यंत्र रचा.

उनके शब्दों में:

मैंने हमेशा ईमानदारी से राजनीति की है, लेकिन कुछ लोगों को मेरी सच्चाई और साफगोई रास नहीं आई.

यह बयान कहीं न कहीं यह भी दर्शाता है कि तेज प्रताप खुद को लगातार राजनीतिक रूप से अलग-थलग महसूस कर रहे हैं.

अब आगे क्या? क्या खुलेंगे साजिश के सारे राज़?

सवाल अब यही है कि क्या तेज प्रताप यादव अपने वादे के अनुसार उन पांच परिवारों के नाम उजागर करेंगे? और अगर वे ऐसा करते हैं. तो यह खुलासे कितने प्रभावशाली होंगे?

राजद की राजनीति, जो पहले ही गुटबाज़ी और भीतरघात के आरोपों से घिरी रहा है. क्या अब खुलकर दो हिस्सों में बंट जाएगी?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच तेज प्रताप का यह हमला राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है. यह साफ है कि अब तेज प्रताप बैकफुट पर नहीं बल्कि खुली लड़ाई के मूड में हैं.

निष्कर्ष

तेज प्रताप यादव के इस बयान ने न सिर्फ RJD की राजनीति में खलबली मचाई है. बल्कि पूरे बिहार की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है. क्या यह व्यक्तिगत आक्रोश है या किसी बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत? यह तो आने वाले दिनों में ही साफ होगा.

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