युवाओं को सौंपी भविष्य की राजनीति की कमान
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली, 24 अगस्त 2025 – जब देश एक बार फिर बदलाव के दोराहे पर खड़ा हो, तब ज़रूरत होती है ऐसे युवाओं की जो न सिर्फ़ काबिल हों, बल्कि समाज और लोकतंत्र की नब्ज़ को भी समझते हों.कुछ ऐसा ही संदेश लेकर कांग्रेस पार्टी ने ,मनमोहन सिंह फेलोशिप प्रोग्राम की शुरुआत किया है ,जहां देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों से आए प्रोफेशनल्स को न सिर्फ़ राजनीति से जोड़ा जा रहा है. बल्कि उन्हें विचारधारा, संवेदना और टेक्नोलॉजी से लैस कर भविष्य का नेतृत्व सौंपा जा रहा है.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फेलोशिप के तहत चुने गए 50 युवाओं से संवाद करते हुये पार्टी की विरासत, मौजूदा संकट और युवाओं की भूमिका पर बेबाक़ बात किये.
यह फेलोशिप सिर्फ़ प्रशिक्षण नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – जहां डेटा, नीति और जनसंवाद के ज़रिए लोकतंत्र को मज़बूत करने की बात हो रही है.
आइये, आगे जानते हैं कि खड़गे ने क्या कहा, कांग्रेस की क्या रणनीति है, और कैसे यह फेलोशिप बन सकती है राजनीति में एक नई क्रांति की शुरुआत…
कांग्रेस की ऐतिहासिक विरासत और डिजिटल क्रांति का आधार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनमोहन सिंह फेलोशिप प्रोग्राम के 50 चुने गए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए पार्टी की ऐतिहासिक उपलब्धियों को याद किया है. उन्होंने बताया कि कैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), आधार, और डिजिटल इंडिया जैसी पहलें डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में शुरू हुआ. साथ ही उन्होंने किसानों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की कर्ज़माफी जैसे बड़े फैसलों का भी ज़िक्र किया.
खड़गे ने मौजूदा सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि आज के हालात में किसान बदहाल हैं और 700 से ज्यादा किसानों की मौत के बावजूद केंद्र सरकार की चुप्पी निंदनीय है.
युवाओं से सीधा संवाद: आपकी विशेषज्ञता देश और लोकतंत्र को चाहिए
1300 से अधिक आवेदकों में से चुने गए 50 फेलोज़ से खड़गे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब वक्त है जब प्रोफेशनल्स राजनीति में आएं और बदलाव की धुरी बनें.
उन्होंने कहा कि,आप टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन, फाइनेंस, विदेश नीति, चिकित्सा या रक्षा के क्षेत्र में माहिर हैं. अब इन कौशलों को जनता की भलाई और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लगाना होगा.
उन्होंने ईमानदारी, अनुशासन, और संवेदनशीलता को राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण गुण बताया है और कहा कि कांग्रेस पार्टी इन मूल्यों पर हमेशा अडिग रहा है.
वोट चोरी से लेकर जाति जनगणना तक: डेटा आधारित राजनीति की ज़रूरत
खड़गे ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दे को उजागर करने के लिए डेटा एक्सपर्ट्स की मदद ली, जो अब एक राष्ट्रव्यापी बहस का विषय बन गया है.इस मुद्दे पर बिहार में जन जागरण यात्रा भी जारी है.
साथ ही उन्होंने जाति जनगणना जैसे सामाजिक न्याय से जुड़े विषयों पर भी डेटा कलेक्शन और एनालिसिस के लिए प्रोफेशनल युवाओं की भूमिका को जरूरी बताया है.उन्होंने कहा कि यह फेलोशिप सिर्फ प्रशिक्षण नहीं, बल्कि एक मिशन है – देश की राजनीति को तकनीक और तथ्यों से जोड़ने का.
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विचारधारा ही असली शक्ति है: कौशल उसे और मजबूती देता है
अपने संबोधन में खड़गे ने स्पष्ट किया कि राजनीति में सबसे पहले विचारधारा पर आस्था और निष्ठा होना चाहिये.
उन्होंने कहा कि,जो जिस क्षेत्र में एक्सपर्ट है. वह वहीं से बदलाव ला सकता है. पर बदलाव के लिए जरूरी है – कांग्रेस की प्रगतिशील सोच में भरोसा और जनता से जुड़ाव.
खड़गे ने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी के अलग-अलग विभागों और प्रोजेक्ट्स में ये फेलोज़ काम करेंगे. जिससे उन्हें नीति निर्माण, जनसंवाद और संगठनात्मक अनुभव भी मिलेगा.
फेलोशिप से भविष्य की राजनीति की नींव रखी जाएगी: खड़गे
अपने भाषण के अंत में कांग्रेस अध्यक्ष ने इस फेलोशिप को,आधुनिक भारत के निर्माण की एक नई शुरुआत बताया है. उन्होंने कहा कि राजनीति आसान नहीं, लेकिन सब्र और प्रतिबद्धता से यह करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बदल सकता है.
मनमोहन सिंह फेलोशिप आपके लिए सिर्फ अवसर नहीं, एक जिम्मेदारी है – कांग्रेस की विरासत को आगे ले जाने की.
उन्होंने सभी फेलोज़ को शुभकामनाएं दिये और इस कार्यक्रम को युवाओं, कांग्रेस पार्टी और देश – तीनों के लिए लाभकारी बताया है.
निष्कर्ष
कांग्रेस अब सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि विचारशील युवाओं को मंच देने वाला विजनरी प्लेटफॉर्म बनना चाहता है.मनमोहन सिंह फेलोशिप इसका मजबूत उदाहरण है. जहां देश के भविष्य निर्माता तैयार किए जा रहे हैं – विचारधारा, प्रोफेशनलिज़्म और जनसेवा के संयोजन के साथ.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.


















