इनकी गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे! लालू यादव का तीखा बयान
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,4 जुलाई:भारत के लोकतंत्र में आज जो हालात बनते जा रहे हैं, उन्हें लेकर विपक्षी दल लगातार आवाज़ उठा रहे हैं.ताज़ा बयान आया है राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से, जिन्होंने सीधे तौर पर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
लालू यादव ने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट करते हुए लिखा:
“संघियों ने देश के लोकतंत्र को इस पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां नागरिकों को अपना वोट बचाना पड़ रहा है. चुनाव आयोग मतदाताओं को हतोत्साहित कर रहा है, आधार कार्ड तक को मान्यता नहीं दी जा रही। इनकी गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में लोकतंत्र को कमजोर करने की सुनियोजित कोशिश की जा रही है.उन्होंने दावा किया कि नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकार — विशेषकर मतदान के अधिकार — से वंचित करने के लिए सुनियोजित साजिशें चल रही हैं.
लालू प्रसाद यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफोर्म एक्स हैंडल से एक पोस्ट करते हुए लिखा:
“संघियों ने देश के लोकतंत्र को इस पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां नागरिकों को अपना वोट को बचाने तथा सरकार द्वारा मतदान का अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है.
चुनाव आयोग मतदाताओं को वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिशें रच रहा है. चुनाव आयोग मतदाताओं को हतोत्साहित कर उनका मानसिक, आर्थिक और सामाजिक उत्पीड़न कर रहा है. वोट का सत्यापन करने की बजाय नागरिकता साबित करने को कह रहा है.भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड तक को स्वीकार नहीं कर रहा.
इनकी गुंडागर्दी चलने नहीं देंगे.”
यह भी पढ़े :भाकपा-माले का विरोध: लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर प्रहार!
यह भी पढ़े :क्या चुनाव आयोग गरीबों के वोट काट रहा है?
आधार कार्ड को पहचानने से इनकार?
लालू यादव का आरोप है कि चुनाव आयोग अब नागरिकों से वोटर सत्यापन की जगह नागरिकता साबित करने की मांग कर रहा है. उन्होंने कहा कि कई मतदाताओं को मानसिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर परेशान किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में मानने से इनकार किया जा रहा है, जिससे वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने की आशंका और बढ़ गई है.
चुनाव आयोग पर क्या हैं आरोप?
लालू यादव के मुताबिक, चुनाव आयोग अब वोटर आईडी या वोट सत्यापन के बजाय नागरिकों से नागरिकता के सबूत मांग रहा है. इससे खास तौर पर आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर तबके के लोग प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि:
वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं
लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से डराया जा रहा है
सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड को पहचान के रूप में नहीं स्वीकारा जा रहा
यह भी पढ़े :चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर बिहार कांग्रेस का हमला
यह भी पढ़े :तेजस्वी का दिव्यांग विजन: 15 वादों की नई राह
लोकतंत्र की चिंता या राजनीति की चाल?
लालू यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश भर में 2026 के लोकसभा चुनाव की तैयारियाँ शुरू हो रही हैं.विपक्ष इस बार सरकार को घेरने के लिए एकजुट होने की कोशिश में है, और ऐसे में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है.
यह भी पढ़े :वोट मांगने में नेता आगे, वोट देने में अड़चन क्यों?
क्या सच में वोटर अधिकार खतरे में हैं?
लोगों के बीच अब यह सवाल उठ रहा है:
“क्या आने वाले समय में वोट देना भी एक संघर्ष बन जाएगा?”
अगर आधार कार्ड, जो कि सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र है, उसे वोटिंग के लिए स्वीकार नहीं किया जा रहा — तो आम नागरिक किस पर भरोसा करे?
निष्कर्ष:
लालू प्रसाद यादव के बयान ने एक बार फिर से लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर बहस छेड़ दी है. जहां एक ओर सरकार और चुनाव आयोग अपनी प्रक्रिया को “सशक्त और पारदर्शी” बताने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म करने की चाल बता रहा है.
आप क्या सोचते हैं?
क्या वाकई हमारे वोट का अधिकार खतरे में है?
नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें।

I am a blogger and social media influencer. I have about 5 years experience in digital media and news blogging.