अमृत काल में घरेलू बचत पर संकट!

| BY

Ajit Kumar

भारत
अमृत काल में घरेलू बचत पर संकट! ब्याज दरें 25 साल के सबसे निचले स्तर पर

ब्याज दरें 25 साल के सबसे निचले स्तर पर

तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली: अमृत काल में देश की आर्थिक तस्वीर पर चिंता बढ़ रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में एक पोस्ट में दावा किया है कि आम आदमी की बचत और खर्चों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. उनके अनुसार, सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दरें बीते 25 वर्षों में सबसे नीचे हैं, जबकि घरेलू बचत की दर 50 सालों में सबसे कम स्तर पर पहुंच चुकी है.

खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
“बचत बंद, घरेलू ख़र्चों पर लगाम, ये है ‘अमृत काल’ का परिणाम!!”
इस टिप्पणी के जरिए उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर तीखा हमला बोला है.

घटती घरेलू बचत: आंकड़ों की जुबानी

सरकारी आंकड़ों और विशेषज्ञों की रिपोर्टों के मुताबिक, देश की घरेलू बचत दर में बीते तीन वर्षों से लगातार गिरावट देखी जा रही है. कोविड-19 के बाद की आर्थिक सुस्ती, बढ़ती महंगाई और घटती आमदनी इसके प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं.

इसके साथ ही, सेविंग्स अकाउंट यानी बचत खातों पर मिलने वाली ब्याज दरें आज की तारीख में 2.5% से लेकर अधिकतम 3.5% के बीच सिमट गई हैं.यह स्थिति 25 वर्षों में पहली बार देखी जा रही है.

क्या है असर आम जनता पर?

विशेषज्ञों का मानना है कि घटती बचत दरें और कम ब्याज आम जनता की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं. निवेश की संभावनाएं घटने से बाजार में मांग भी कमजोर हो सकती है, जो लंबे समय में अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी

कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार सिर्फ बड़े कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचा रही है, जबकि आम जनता महंगाई, बेरोज़गारी और बचत में गिरावट से जूझ रही है. जवाब में, बीजेपी का कहना है कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है.

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