यह कदम देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करेगा
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 29 जून:बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार ने मतदाता सूची के गहन विशेष पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर चुनाव आयोग की पहल की सराहना की है. उन्होंने इस कदम को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया.
डॉ. कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने की यह पहल न केवल आवश्यक है, बल्कि समय की मांग भी है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल — कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), वामपंथी पार्टियाँ, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस — इस प्रक्रिया का विरोध कर अपने वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दे रहे हैं.
देश को धर्मशाला नहीं बनने देंगे
मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष देश को शरणार्थी कैंप या धर्मशाला बनाना चाहता है. उन्होंने दावा किया कि देश के मूल नागरिकों के पास पर्याप्त प्रमाण हैं, और जो लोग अवैध तरीके से भारत में रह रहे हैं, वे न केवल देश की जनसंख्या पर बोझ हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ भी उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा की जनधन योजना के अंतर्गत 7 मार्च 2025 तक देश में 55.05 करोड़ खाते खोले गए हैं, जिनमें 36.63 करोड़ रुपये जमा हैं. ये सभी खाते देश के असली नागरिकों के हैं, जिन्होंने वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत कर बैंक खाता खुलवाया.
डेमोग्राफी बदल रही है, चेतने का समय
डॉ. कुमार ने यह भी दावा किया कि भारत के सीमावर्ती जिलों की जनसंख्या संरचना में व्यापक बदलाव हो रहा है और कुछ राज्यों में हिंदू समुदाय अब अल्पसंख्यक बन चुका है.उन्होंने चिंता जताई कि देश में 10 करोड़ से अधिक अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासी रह रहे हैं, जो भारत की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खतरा हैं.
उन्होंने आरोप लगाया की अगर इन अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची से नहीं हटाया गया, तो ये पार्टियाँ अपने राजनीतिक लाभ के लिए देश के लोकतंत्र को कमजोर करती रहेंगी.
चुनाव आयोग को मिला समर्थन
डॉ. प्रेम कुमार ने विशेष पुनरीक्षण अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि इससे मतदाता सूची से अवैध नाम हटाए जा सकेंगे, जिससे गरीब और असली नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होगी और देश के संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण संभव होगा.
उन्होंने कहा कि “यह कदम देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करेगा और विकास की राह में आने वाली बाधाओं को हटाएगा.
निष्कर्ष:
चुनाव आयोग द्वारा शुरू किया गया यह गहन विशेष पुनरीक्षण अभियान अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है. जहां सत्तापक्ष इसे राष्ट्रहित में उठाया गया ठोस कदम मान रहा है, वहीं विपक्ष इसकी मंशा पर सवाल उठा रहा है.आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि यह अभियान कितना प्रभावी सिद्ध होता है और भारतीय लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाता है.

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