मायावती की स्वतंत्रता दिवस पर दो-टूक: गरीबी-बेरोजगारी हटाओ, आत्मनिर्भर भारत बनाओ

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kmSudha

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मायावती की स्वतंत्रता दिवस पर दो-टूक: गरीबी-बेरोजगारी हटाओ, आत्मनिर्भर भारत बनाओ

स्वतंत्रता दिवस 2025: मायावती ने दी बधाई, उठाए महत्वपूर्ण सवाल और दिए सुझाव

तीसरा पक्ष डेस्क,लखनऊ, 15 अगस्त 2025: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं. इस मौके पर उन्होंने न केवल आजादी के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों पर गंभीर सवाल उठाए और केंद्र सरकार को ठोस नीतिगत सुझाव भी दिए.

देशवासियों को बधाई, स्वतंत्रता सेनानियों को नमन

मायावती ने अपने एक लंबी पोस्ट के जरिए संदेश में कहा, “देश-दुनिया में रहने वाले सभी भारतीयों को 79वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई! यह दिन उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का है, जिनके बलिदान ने हमें आजादी का अनमोल तोहफा दिया.” उन्होंने अपने संदेश में जनहित को देशहित का आधार बताते हुए जोर दिया कि सच्चा विकास तभी संभव है जब देश की 140 करोड़ जनता की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो.

अमेरिकी टैरिफ पर सवाल, आत्मनिर्भरता पर जोर

मायावती की स्वतंत्रता दिवस पर दो-टूक: गरीबी-बेरोजगारी हटाओ, आत्मनिर्भर भारत बनाओ

बसपा सुप्रीमो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मनमानी व्यापार टैरिफ नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि भारत को किसी एक देश पर व्यापारिक निर्भरता कम करनी चाहिए और अन्य देशों, खासकर कम खर्चीले व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंध मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए. मायावती ने कहा, “अमेरिका से दोस्ती अब महंगी पड़ रही है. भारत को दीर्घकालिक नीति बनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ना होगा, जिससे श्रम और आईटी सेक्टर को बढ़ावा मिले.”

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गरीबी और बेरोजगारी पर चिंता

मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों को गरीब विरोधी और पूंजीपति समर्थक बताते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती मेहनतकश वर्ग, गरीबों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों के अथक प्रयासों का परिणाम है. फिर भी, बढ़ती महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी ने इन वर्गों का जीवन बदहाल कर दिया है. उन्होंने सरकार से नीतिगत परिवर्तन की मांग की ताकि इन समस्याओं से निपटा जा सके और जनता को आर्थिक अफरातफरी से बचाया जा सके.

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केंद्र-राज्य तनाव और सामाजिक एकता पर सुझाव

बसपा प्रमुख ने केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि देश का समग्र विकास तभी संभव है जब अव्यवस्था, सांप्रदायिकता, जातिवाद और हिंसा से मुक्ति मिले. मायावती ने सरकारों से सामाजिक एकता को बढ़ावा देने और हर नागरिक को समान अवसर प्रदान करने की अपील की.

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‘हर हाथ को काम’ का नारा’

मायावती ने एक बार फिर ‘हर हाथ को काम’ की बात दोहराई और कहा कि गरीबों और मेहनतकश वर्ग की दरिद्रता से मुक्ति ही स्वतंत्रता दिवस को सही मायने में विशेष बनाएगी. उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की.

निष्कर्ष

मायावती का यह बयान न केवल स्वतंत्रता दिवस के उत्साह को दर्शाता है, बल्कि देश के सामने मौजूद आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों पर भी गंभीर चिंतन और उसके समाधान की दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप भी प्रस्तुत करता है. उनके सुझाव और सवाल सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश हैं, जो आत्मनिर्भर भारत और समतामूलक समाज के निर्माण की दिशा में नीतिगत बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.

लेखक: तीसरा पक्ष न्यूज डेस्क, लखनऊ

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