यूपी में प्राथमिक स्कूलों का मर्जर: मायावती का विरोध

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Ajit Kumar

भारत
यूपी में प्राथमिक स्कूलों का मर्जर: मायावती का विरोध

गरीब छात्रों के लिए बताया बड़ा खतरा

तीसरा पक्ष ब्यूरो लखनऊ, 2 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्राथमिक विद्यालयों के युग्मन (मर्जर) और एकीकरण के फैसले पर अब सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले को गरीब छात्रों के भविष्य के लिए “खतरनाक” करार दिया है.

मायावती ने सरकार पर साधा निशाना
मायावती ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से एक विस्तृत बयान जारी कर कहा कि:

“उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों के युग्मन/एकीकरण की आड़ में हजारों प्राथमिक विद्यालयों को बंद करना, गरीब परिवारों के बच्चों को उनके घर के पास मिलने वाली सरकारी शिक्षा से वंचित करना है. यह फैसला अनुचित, गैरज़रूरी और गरीब-विरोधी है.”

गरीबों के बच्चों की पढ़ाई पर खतरा?

BSP सुप्रीमो का मानना है कि ये स्कूल न केवल गरीब और वंचित समुदाय के बच्चों को सुलभ शिक्षा प्रदान करते थे, बल्कि ये सरकारी शिक्षा की रीढ़ भी हैं. स्कूल बंद होने से बच्चों को दूर के स्कूलों में जाना पड़ेगा, जिससे ड्रॉपआउट की दर भी बढ़ सकती है.

बीएसपी की सरकार में फैसले को पलटने का वादा

मायावती ने साफ कहा है कि अगर भविष्य में प्रदेश में बीएसपी की सरकार बनती है, तो इस फैसले को पूरी तरह रद्द करके पहले की तरह सभी स्कूलों को फिर से चालू किया जाएगा.

हम गरीब माता-पिता और अभिभावकों को भरोसा दिलाते हैं कि बीएसपी की सरकार बनने पर यह तुगलकी फरमान वापस लिया जाएगा – मायावती

सरकार से फैसले पर पुनर्विचार की अपील
मायावती ने उम्मीद जताई है कि योगी सरकार गरीबों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए इस फैसले पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करेगी.

मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • फैसला: यूपी सरकार द्वारा हजारों प्राथमिक विद्यालयों का मर्जर/एकीकरण
  • विरोध: बीएसपी प्रमुख मायावती ने इसे गरीब विरोधी बताया
  • प्रभाव: गरीब बच्चों की सुलभ शिक्षा पर खतरा
  • राजनीतिक वादा: बीएसपी की सरकार बनने पर फैसले को रद्द किया जाएगा
  • अपील: मायावती ने सरकार से फैसले पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार की मांग की

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