मिथिला की लिची अब सिर्फ स्वाद नहीं, पहचान बन रही है

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Ajit Kumar

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2025 में हवाई निर्यात में 108% की ऐतिहासिक वृद्धि

तीसरा पक्ष ब्यूरो :दरभंगा, मिथिला उत्तर बिहार की शान, मिथिला की लिची अब वैश्विक बाजार में अपनी मिठास घोल रही है.दरभंगा हवाई अड्डा इस बदलाव का नया केंद्र बनकर उभरा है, जहां से 2025 में अब तक 250 टन लिचियों का हवाई निर्यात हो चुका है. यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 120 टन की तुलना में 108% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है.

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा विकसित अत्याधुनिक एयर कार्गो सेवा की अहम भूमिका रही है, जिसने ताजा फलों की समय पर, सुरक्षित और गुणवत्ता-युक्त डिलीवरी सुनिश्चित की है.

स्थानीय किसानों और व्यापारियों के लिए यह उपलब्धि आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है. तेजी से बढ़ते निर्यात से न केवल लिची उत्पादकों की आमदनी में इज़ाफा हुआ है, बल्कि उत्तर बिहार के कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिली है.

मिथिला की लिची अब सिर्फ स्वाद नहीं, पहचान बन रही है – एक वैश्विक ब्रांड के रूप में.

यह निर्यात विस्तार भारत की कृषि क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. आने वाले वर्षों में दरभंगा एयरपोर्ट को और भी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि मिथिला की मिठास पूरी दुनिया तक और भी प्रभावी ढंग से पहुंच सके.

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