पटना में भारतीय मोमिन फ्रंट की मासिक बैठक संपन्न

| BY

Ajit Kumar

अन्य ख़बरें
पटना में भारतीय मोमिन फ्रंट की मासिक बैठक संपन्न लोकतंत्र बचाने का लिया संकल्प

लोकतंत्र बचाने का लिया संकल्प

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 29 जून: देश में लोकतंत्र की बुनियाद को और मज़बूत करने के इरादे से आज पटना के कर्पूरी ठाकुर पार्क, बोरिंग कैनाल रोड पर भारतीय मोमिन फ्रंट की मासिक बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता फ्रंट के बिहार प्रदेश कार्यालय सचिव मोहम्मद गफ्फूर ने की, जिसमें राज्य और ज़िले के कई प्रमुख नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए.

आज देश में लोकतंत्र को बचाने की ज़रूरत:डॉ.अंसारी

बैठक को संबोधित करते हुए फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. महबूब आलम अंसारी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज देश में लोकतंत्र को बचाने की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा है.उन्होंने आगे कहा कि देश की संसदीय प्रणाली में अब धन-बल का बोलबाला बढ़ता जा रहा है. आम आदमी की बुनियादी ज़रूरतें – रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और इलाज – उनसे दूर होती जा रही हैं. ऐसे समय में हमारा संगठन लोकतंत्र को बचाने और गरीबों की आवाज़ को बुलंद करने का संकल्प लेता है.

बैठक में दिखी महिला शक्ति की भागीदारी

बैठक में न सिर्फ संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए, बल्कि महिला मोर्चा की सक्रिय भागीदारी भी देखने को मिली. पटना जिला महिला मोर्चा सचिव इंदू देवी के नेतृत्व में कंचन देवी, उर्मिला देवी, अनीता देवी, कारी देवी, जूली देवी, फूलमती देवी, फूलपति देवी, सविता देवी, विभा देवी, बसंती देवी और जय कुमारी जैसी कई महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर लोकतांत्रिक संघर्ष में महिला नेतृत्व की अहमियत को दर्शाया.

संगठनात्मक दिशा और भविष्य की रणनीति पर चर्चा

बैठक में राष्ट्रीय प्रधान महासचिव डॉ. एम. ए. नवाब, पटना जिला अध्यक्ष सैयद मोहम्मद इस्तखार हुसैन, मोहम्मद शमशेर आलम, उदय राय और राष्ट्रीय कार्यालय सचिव राकेश कुमार पटेल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी भाग लिया.बैठक में आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा, संगठन की मजबूती और जनता से जुड़ाव बढ़ाने पर विशेष चर्चा की गई.

आवाज बनेगा मोमिन फ्रंट

बैठक के अंत में यह तय किया गया कि भारतीय मोमिन फ्रंट देश भर में लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लगातार जन आंदोलन करता रहेगा.संगठन का स्पष्ट संदेश है.

अब चुप नहीं बैठना है, आवाज़ उठानी है – लोकतंत्र के लिए, गरीबों के लिए, संविधान के लिए.

लेखक का नोट:

यह न्यूज़ एक जमीनी राजनैतिक जागरूकता की मिसाल है, जहां आम जनता के मुद्दों को लेकर चर्चा और निर्णय लिए जा रहे हैं. अगर आप भी लोकतंत्र और सामाजिक बदलाव में यक़ीन रखते हैं, तो ऐसे आयोजनों की ख़बरों से जुड़ना बेहद ज़रूरी है.

Leave a Comment