बिहार में NPS और UPS के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध

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Ajit Kumar

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सरकारी कर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाली की उठाई मांग

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 20 जुलाई 2025 : बिहार में सरकारी सेवकों के एक बड़े वर्ग ने एनपीएस (नई पेंशन योजना) और यूपीएस (एकीकृत पेंशन योजना) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की माँग को लेकर NMOPS (नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम) की बिहार इकाई ने आगामी 22 और 23 जुलाई को राज्यव्यापी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की घोषणा किया है.

इस विरोध प्रदर्शन के तहत सरकारी कर्मचारी दोनों दिनों बैज लगाकर अपने-अपने कार्यालयों में कार्य करेंगे और सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की अपील करेंगे. यह कार्यक्रम हाल ही में 29 जून 2025 को पटना स्थित बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में आयोजित एक बैठक में लिए गए निर्णय के तहत हो रहा है. जिसमें NMOPS के राज्यस्तरीय पदाधिकारी और अन्य सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

सरकार से संवेदनशील निर्णय की उम्मीद: NMOPS अध्यक्ष

NMOPS बिहार के प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडे ने कहा कि वर्तमान समय चुनावी वर्ष है. और सरकार विभिन्न वर्गों के लिए योजनाएं ला रही है.ऐसे में यह उपयुक्त समय है जब राज्य के लाखों सरकारी कर्मियों को उम्मीद है कि सरकार उनके बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनपीएस और यूपीएस जैसी योजनाएं कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने में विफल रहा है. और इसीलिए राज्यभर में इन योजनाओं के विरोध में आवाज बुलंद किया जा रहा है.

शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त संदेश

22 और 23 जुलाई को सरकारी कर्मी अपने कामकाज को प्रभावित किए बिना सिर्फ बैज पहनकर अपनी बात सरकार तक पहुँचाने की कोशिश करेंगे. इस आंदोलन के खास बात यह है कि यह पूरी तरह शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक होगा.

प्रदेश महासचिव शशि भूषण ने जानकारी दिया कि यह कार्यक्रम बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान रखा गया है ताकि सरकार पर इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का दबाव बनाया जा सके. उन्होंने आगे बताया कि अगस्त के आखिरी सप्ताह में हम पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में एक विशाल रैली का आयोजन भी करने जा रहे हैं.

चुनावी वर्ष में बढ़ते दबाव की रणनीति

प्रदेश संरक्षक प्रेमचंद सिंहा ने आंदोलन की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि चुनावी वर्ष में सभी सरकारी कर्मचारी एकजुट होकर अपनी मांगों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें, तो इसका सरकार पर स्पष्ट दबाव पड़ेगा.तो सरकार को मजबूरन इस विषय पर निर्णय लेना पड़ सकता है. उन्होंने इसे “पुरानी पेंशन की बहाली के लिए सबसे उपयुक्त समय करार दिया.

संघों से एकजुट होने की अपील

इस पहल को और व्यापक बनाने के लिए प्रदेश भर के सभी सरकारी कर्मचारी संघों के अध्यक्षों और महासचिवों से सहयोग की अपील भी किया गया है. NMOPS बिहार की कोशिश है कि इस मुद्दे को राजनीति के केंद्र में लाया जाए और जनप्रतिनिधियों को भी इस पर स्पष्ट रुख अपनाने के लिए बाध्य किया जाये.

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